SSY: अगर आप भी अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोचकर सुकन्या समृद्धि अकाउंट (SSY) में निवेश करते हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. दरअसल, भारत में बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखकर माता-पिता की तरफ से सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) खाता खोलने का चलन काफी है. लेकिन क्या आपको पता है कुछ कारणों से इस अकाउंट को नहीं खोलना चाहिए. आइए जानते हैं क्यों?
सुकन्या समृद्धि (SSY) में फिलहाल 8.60 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है. इसकी ब्याज दर की हर तिमाही समीक्षा की जाती है. जानकारों का कहना है कि लगातार बढ़ती महंगाई में एजुकेशन और शादी के खर्च को पूरा करने के लिए योजना पर्याप्त नहीं है. म्यूचुअल फंड के मुकाबले इसमें कम रिटर्न है.
सुकन्या समृद्धि खाते में लंबी अवधि 21 वर्ष के लिए निवेश किया जाता है. लंबी अवधि में महंगाई को मात देने वाला रिटर्न लेने का सबसे अच्छा तरीका इक्विटी निवेश है. जानकारों का कहना है कि 10 साल से ज्यादा के निवेश के लिएउ इक्विटी फंड में निवेश करना अच्छा हो सकता है.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट इनवेस्ट फ्रेंडली नहीं है. SSY खाते में कुछ प्रतिबंध हैं जो इसे निवेश के कम अनुकूल बनाते हैं. खाते में जमा राशि का इस्तेमाल केवल शिक्षा और शादी के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा आपका इनवेस्टमेंट किसी अन्य जरूरत में यूज नहीं होता.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट का लॉक-इन पीरियड लंबा होता है. SSY की मैच्योरिटी अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 साल है. हायर एजुकेशन के लिए केवल 50% उपलब्ध होने के साथ, जब तक लड़की की आयु 18 वर्ष नहीं हो जाती, तब तक धनराशि अकाउंट में रुकी रहती है.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट में पैसा जमा केवल शुरुआत के 15 साल के लिए किया जा सकता है. इसका यह अजीब नियम है कि खाते के कुल 21 साल के टेन्योर के लिए पैसा आप 15 साल के लिए ही जमा कर सकते हैं.
बच्ची के 18 वर्ष का होने के बाद, अभिभावक एक वित्तीय वर्ष में शेष राशि के 50% तक खाते से पैसा निकाल सकते हैं. डाक विभाग की तरफ से तय किए गए नियमों के अनुसार, निकासी एक लेनदेन में या किश्तों में पूरी की जा सकती है. इसमें प्रति वर्ष अधिकतम एक निकासी 5 वर्ष की सीमा तक हो सकती है.
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