फैसला कुछ भी हो, आठ-नौ नवंबर की तारीख इतिहास में दर्ज हो जाएंगी

 फैसला जिसके भी पक्ष में आए नौ नवंबर की तारीख यादगार बन जाएगी. इस तारीख के साथ बीते तीन दशकों की राजनीतिक घटनाएं जुड़ जाएंगी. इन दोनों तारीखों से भारत की राजनीति में अहम मुद्दे जुड़े हैं और इनमें नोटबंदी का फैसला और करतारपुर कॉरिडोर भी शामिल हैं. इसी के साथ चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इतिहास के सबसे अहम मुद्दे पर फैसला सुनाने वाले न्यायधीश के तौर पर पहचान बनाने जा रहे हैं.

Last Updated : Nov 9, 2019, 06:21 AM IST
फैसला कुछ भी हो, आठ-नौ नवंबर की तारीख इतिहास में दर्ज हो जाएंगी

नई दिल्लीः कहते हैं तारीखें इतिहास बनाती हैं. सदियों से जिस फैसले का इंतजार था वह घड़ी आ ही गई. शनिवार की सुबह साढ़े 10 बजे सुप्रीम कोर्ट अपना सबसे बड़ा फैसला सुनाएगा, जिसका भारतीय समाज में राजनीतिक, एतिहासिक दोनों ही महत्व है. यह अलग बात है कि विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद इस मामले में 27 साल पहले ही तेजी आई थी, लेकिन राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर सामाजिक स्तर पर जो विवाद जारी है वह अंग्रेजों के पहले के समय से है. कई इतिहासकार मुगल काल में भी इस मुद्दे की प्रासंगिकता बताते हैं. हालांकि अब जब कुछ घंटे में फैसला आ जाएगा तो यह आठ और नौ नवंबर की तारीख इतिहास में खास घटनाओं के तौर पर अपनी जगह बना लेंगी.

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अयोध्या फैसलाः नौ नवंबर 2019
फैसला भले ही समय के कुछ अंतराल के पीछे छिपा हो, और जिसके भी पक्ष में आए नौ नवंबर की तारीख यादगार बन जाएगी. इस तारीख के साथ बीते तीन दशकों की राजनीतिक घटनाएं जुड़ जाएंगी और इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट को एक देशव्यापी मामले में सुप्रीम फैसला देने के लिए जाना जाएगा.

सीजेआई रंजन गोगोई भी इस फैसले के तुरंत बाद रिटायर हो रहे हैं तो यह तारीख उनके भी जीवन में यादगार बन जाएगी. अयोध्या मामला और इसके फैसले की तारीख के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई याद किए जाएंगे. उनके लिए यह एक बड़ा अनुभव होगा. सुप्रीम कोर्ट लगातार 40 दिन सुनवाई करके इस मामले में फैसला सुनाने जा रही है.

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नोटबंदीः आठ नवंबर 2016
तीन साल पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा हुई और देखते ही देखते यह फैसला इतिहास बन गया. देश के सबसे अधिक प्रचलित सबसे बड़े 500 और एक हजार के नोट का चलन 8 नवंबर की मध्य रात्रि से बंद कर दिया गया.

तर्क दिया गया कि इसके जरिये देश में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जमाखोरी और कालाधन की बढ़ती समस्या पर रोक लगाई जाएगी. इसके कुछ दिन बाद दो हजार रुपये और 500 रुपये का नया नोट जारी किया गया. कई महीनों तक बैंकों में पुराने नोटों को बदलवाने के लिए भीड़ लगी रही. नोटबंदी के क्या परिणाम रहे, इसे लेकर अब तक ठीक-ठीक रुख सामने नहीं आ पाया है, लेकिन यह तारीख इतिहास बन चुकी है. 

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करतार पुर कॉरिडोरः नौ नवंबर 2019
आजादी के बाद से ही पाकिस्तान में स्थित गुरु नानक देव से संबंधित गुरुद्वारा जाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर की मांग की जा रही है. भारतीय सीमा से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिख समुदाय के इस पवित्र स्थल के दर्शन आज तक दूरबीन के जरिये किए जा रहे थे. इस कॉरिडोर की स्वीकृति और इसके निर्माण में पिछले डेढ़-दो सालों में काफी तेजी आई थी. अब तमाम विवादों और समझौतों के बाद पाकिस्तान सरकार 9 नवंबर 2019 को इसका उद्घाटन करने जा रही है.

इसी के साथ तकरीबन 70 सालों से गुरु स्थान जाने को तरस रहे श्रद्धालु बिना शर्त पड़ोसी मुल्क जा सकेंगे. हालांकि भारत की चिंता है इस रास्ते का प्रयोग पाकिस्तान, भारत में आतंकी घुसपैठ के लिए भी कर सकता है. आगे जो भी हो, लेकिन फिलहाल नौ नवंबर 2019 दोनों ही मुल्कों में एक ऐतिहासिक फैसले की तारीख बनेगी.

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आडवाणी का जन्म दिवसः 8 नवंबर 1927
अयोध्या मामले की बात हो, और भाजपा के लौहपुरुष लाल कृष्ण आडवाणी याद न किए जाएं यह असंभव है. आठ नवंबर को भाजपा के मार्ग दर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी 92वें वां जन्मदिन मना रहे हैं. आडवाणी की पहचान भारतीय राजनीति में कद्दावर शख्सियत वाली रही है और उन्हें पार्टी में 1992 का हीरो कहकर सम्मानित किया जाता है. यह वही साल है जिसकी दिसंबर की छठवें रोज को विवादित ढांचा गिराया गया था.

यह भी एक संयोग ही है कि उनके जन्मदिन पर ही फैसला सुनाए जाने की अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी हुई. आडवाणी को अयोध्या आंदोलन का सबसे खास किरदार बताया जाता है. राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर उन्होंने ही 1990 में सोमनाथ से रथ यात्रा की शुरुआत की थी और भारतीय राजनीति को नई दिशा दी थी.

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