महाराष्ट्र: सरकार बनी नहीं कि शुरू हो गई पार्टियों में तनातनी

महाराष्ट्र का महाड्रामा रह-रह कर ऊपर-नीचे होते जा रहा है. सरकार बन तो गई है लेकिन खिचड़ी सरकार जैसा कि विपक्षी दल यानी भाजपा कहती है, वह कब तक अपने हितों को दरकिनार कर गठबंधन हित को प्राथमिकता देगी. उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए अभी दो दिन भी नहीं हुए कि महाविकास अघाड़ी में उप-मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस अड़ गई.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 30, 2019, 02:00 PM IST
    • कांग्रेस चाहती है उपमुख्यमंत्री पद, मिला है एनसीपी को
    • पार्टियों ने अब तक तय नहीं किए मंत्रालयों के गणित
    • नाना पटोले ने स्पीकर पद पर किया नामांकन
महाराष्ट्र: सरकार बनी नहीं कि शुरू हो गई पार्टियों में तनातनी

मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बन चुकी है. उद्धव ठाकरे ने 6 मंत्रियों के साथ 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है और अपना कार्यभार भी संभाल लिया है. लेकिन अब महागठबंधन के अंदर उपमुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस ने अलग अड़ंगा डालना शुरू कर दिया था. पार्टी ने उपमुख्यमंत्री पद की मांग की, जिसके बाद एनसीपी ने देने से साफ मना कर दिया. दरअसल, महाविकास अघाड़ी की महागठबंधन सरकार ने यह तय किया था कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, उपमुख्यमंत्री एनसीपी से तो विधानसभा स्पीकर कांग्रेस से होगा. यह सब तय भी हो गया था और सबकी सहमति भी इस पर हो गई थी, लेकिन कांग्रेस ने अपनी एक इच्छा जाहिर की जिसके बाद मामला बिगड़ने लगा.

कांग्रेस चाहती है उपमुख्यमंत्री पद, मिला है एनसीपी को

कांग्रेस ने कहा कि पार्टी को विधानसभा स्पीकर के बदले उपमुख्यमंत्री पद दिया जाता तो पार्टी के लिहाज से अच्छा होता. एनसीपी जिसे उपमुख्यमंत्री पद मिला है, उसने साफ मना कर दिया और कहा कि तय की गई बातों पर ही कोई फैसला होगा. सूत्रों के हवाले से खबर मिली कि पार्टियों के बीच अभी मंत्रालयों को तय तक नहीं किया गया है. 6 मंत्रियों ने शपथ तो ले ली, लेकिन इसके बाद अन्य पदों पर किस पार्टी का कौन सा विधायक होगा, इसको अभी तक तय नहीं किया गया है. 

पार्टियों ने अब तक तय नहीं किए मंत्रालयों के गणित

स्पीकर पद पर तीनों पार्टियों ने एकमत हो कर कांग्रेस को देने की बात कही थी लेकिन अन्य विभागों पर खासकर अहम मंत्रालयों पर जैसे कि गृह मंत्रालय, वित्त, कॉपेरेटिव और शहरी विकास मंत्रालय में से कौन सा मंत्रालय गठबंधन की कौन सी पार्टी के पास होगा, यह तय नहीं हुआ है. आज महागठबंधन को फ्लोर टेस्ट है जहां पार्टी सरकार के लिए अपना बहुमत साबित करेगी. इसके बाद यह तय किया गया है कि मंत्रालयों का बंटवारा होगा. सूत्रों की मानें तो कितने मंत्री किस पार्टी से होंगे, यह फॉर्मूला तय है लेकिन यह तय नहीं कि कौन सा विभाग किसका  होगा.

नाना पटोले ने स्पीकर पद पर किया नामांकन

इधर कांग्रेस के नाना पटोले ने विधानसभा स्पीकर के पद पर नामांकन भी कर दिया है. अब इसका मतलब है कि कांग्रेस एनसीपी के दबाव में मान तो गई है लेकिन जल्द ही कोई अन्य मुद्दों पर पार्टियों में फिर रार न होने लग जाए. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वे चाहते थे कि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद मिले. विधायक दल में जितने भी लोग हैं, सबका मानना है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद ही सरकार में मायने रखता है. इसलिए ज्यादातर विधायकों को लगता था कि पार्टी को यह मिलना चाहिए था. 

खैर, महागठबंधन का यह हाल है सरकार बनने के दो दिने के अंदर का है. ऐसे में यह कयास लगाना गलत नहीं होगा कि आगे चलकर सरकार के अंदर कई ऐसे मुद्दे आ सकते हैं जिस पर पार्टियों के बीच फिर से तनातनी हो जाए.

 

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