सेना पर साइबर हमला, पाक-चीन पर शक

बार-बार चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है. शुक्रवार रात देश की सेनाओं पर साइबर हमला किए  जाने की बात कही जा रही है. साइबर विंग ने तीनों सेनाओं को आपात अलर्ट की चेतावनी दी है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 8, 2019, 01:54 PM IST
सेना पर साइबर हमला, पाक-चीन पर शक

नई दिल्लीः साइबर हमले से बचने के लिए तीनों सेनाओं के साइबर विंग ने आपात चेतावनी जारी की है. सभी कर्मियों और अफसरों को आगाह किया गया है कि वह अटैचमेंट के साथ नोटिस शीर्षक वाले ईमेल को न खोलें. सूत्रों के जरिए शनिवार को यह जानकारी दी गई है. दरअसल बताया गया है कि देश की सेनाओं पर शुक्रवार की रात साइबर हमला हुआ है. हैकर्स ने सेना की गुप्त सूचनाओं को हैक करने की कोशिश की हैं. आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान की ओर से यह साइबर हमला किया गया है. पाकिस्तान पहले भी ऐसी नापाक कोशिश कर चुका है. 

तीनों सेनाओं को साइबर विंग की आपात चेतावनी
इमरजेंसी अलर्ट में कहा गया है कि एचएनक्यू नोटिस फाइल.एक्सएलएस डाउनलोड नाम के हाइपरलिंक के साथ फिशिंग मेल सैन्य कर्मियों को भेजे जा रहे हैं. इसका शीर्षक Notice है और इसके साथ HNQ Notice File.xls नाम का अटैचमेंट भेजा गया है. अधिकतर सैन्यकर्मियों को यह मेल prvinayak.598k@gov.in आईडी से भेजा गया है. सुरक्षाकर्मियों को इस तरह के ई-मेल से सावधान रहने को कहा गया है. चेतावनी में लिखा गया, ई-मेल मिलने पर इसे इनबॉक्स से एक्सेस न करें. इसे तुरंत हटाएं या रिपोर्ट करें.

सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर हमला पाकिस्तान या चीन से हो रहा है. हाल में जैसे ही ये हमले तेज हुए, हमारी साइबर यूनिट अलर्ट हो गई है. सरकार ने भी सशस्त्र बलों के लिए डिफेंस साइबर एजेंसी स्थापित करने की योजना बनाई है. सिर्फ सैन्य साइबर मसलों पर फोकस के लिए स्थापित की जाने वाली इस एजेंसी का काम चीन और पाकिस्तान जैसे विदेशी ठिकानों से उत्पन्न खतरों से निपटना है. सूत्रों ने बताया कि साइबर हमलों में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि पाकिस्तानी जासूस भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने जाल में लेने के लिए कई दूसरे देशों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कई मामलों में जासूस दूसरे देशों के सुरक्षा अधिकारी के तौर पर भारतीय सेना के संचार तंत्र में सेंध लगाने में सफल हो गए.

सुरक्षाबलों के लिए साइबर एजेंसी बनाई जाएगी
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर साइबर हमले पाकिस्तान या चीन से हो रहे हैं. अधिकारी ने कहा, हमारी साइबर इकाइयां हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि हाल के दिनों में इस तरह के हमले बढ़े हैं. सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए एक विशिष्ट रक्षा साइबर एजेंसी बनाने की योजना भी बनाई है, जिसका फोकस केवल सैन्यबलों से संबंधित मुद्दों पर रहेगा. इसका मुख्य काम चीन या पाकिस्तान जैसे देशों के विदेशी हैकरों के बढ़ते खतरे का मुकाबला करना होगा.

पाकिस्तान ने 2016 में हजारों फाइलें चुराई थीं
पाकिस्तानी जासूसी का मुख्य उद्देश्य भारतीय जासूसों, विभिन्न सैन्य इकाइयों की तैनाती और पूर्व सैन्य कर्मियों के बारे में जानकारी जुटाना होता है. 2016 में पता चला था कि साइबर हमलावर भारत की स्कॉरपीन पनडुब्बी बेड़े की क्षमता की जानकारी वाली हजारों फाइलें चुराने में सफल हो गए. हालांकि भारतीय नेवी ने तब कहा था कि इन फाइलों में कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी. पाकिस्तानी साइबर अपराधियों का टारगेट यह पता लगाना होता है कि सैन्यबलों की आवाजाही किस तरह हो रही है, अलग-अलग यूनिटों की तैनाती कहां है और सेना की रणनीति क्या है.

यहां तक कि वे पूर्व सैनिकों के बारे में जानकारी जुटाना भी चाहते हैं. सूत्रों ने बताया कि कई बार पाकिस्तानी हैकरों ने किसी तीसरे देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को निशाना बनाने की कोशिश की. खुद को सेना के किसी दूसरे विंग का अधिकारी बताकर, इन हैकरों ने सेना के संचार नेटवर्क में घुसपैठ तक कर ली थी.

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