भीमा कोरेगांव केस पर उद्धव सरकार की समीक्षा बैठक! नई SIT बनाने पर भी विचार

भीमा कोरेगांव हिंसा केस पर महाराष्ट्र सरकार की समीक्षा बैठक की. इसमें डिप्टी सीएम अजित पवार, गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ DGP भी मौजूद रहे. जानकारी के अनुसार भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के लिए नई SIT बनाने पर भी विचार हो रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 23, 2020, 01:16 PM IST
    1. पुणे के भीमा कोरेगांव हिंसा केस पर समीक्षा बैठक
    2. अजित पवार, अनिल देशमुख और डीजीपी की बैठक
    3. केस में जांच के लिए नई SIT बनाने पर भी विचार
    4. 10 लोगों के खिलाफ दाखिल हुई थी चार्जशीट
भीमा कोरेगांव केस पर उद्धव सरकार की समीक्षा बैठक! नई SIT बनाने पर भी विचार

नई दिल्ली: पुणे के भीमा कोरेगांव हिंसा केस पर महाराष्ट्र सचिवालय में समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में डिप्टी सीएम अजित पवार, गृह मंत्री अनिल देशमुख, डीजीपी और पुणे पुलिस के वरिष्ठ अफसर शामिल रहे. महाराष्ट्र सरकार इस मामले की जांच के लिए नई एसआईटी बनाने पर भी विचार कर रही है. आपको बता दें कि इस मामले में पुणे पुलिस 10 लोगों के खिलाफ पिछले महीने ही चार्जशीट दाखिल की थी. आपको उन 10 लोगों के नाम से रूबरू करवाते हैं.

  1. सुधीर धवले
  2. सुरेंद्र गडलिंग
  3. महेश राउत
  4. शोमा सेन
  5. रोना विल्सन
  6. वरवारा राव
  7. सुधा भारद्वाज
  8. गौतम नवलखा
  9. वर्नोन गोंसाल्वेस
  10. अरुण फरेरा

कौन है गौतम नवलखा?

- भीमा कोरेगांव हिंसा सिलसिले में हुई थी गिरफ्तारी 
- गौतम नवलखा पेशे से पत्रकार और दिल्ली के रहने वाले हैं 
- पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (PUDR) से जुड़े रहे हैं
- पत्रिका 'इकनॉमिक एंड पोलिटिकल वीकली' के संपादकीय सलाहकार 
- करीब दो दशकों से कश्मीर का दौरा करते रहे हैं गौतम नवलखा 
- जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर लिखते रहे हैं
- सुधा भारद्वाज के साथ मिलकर कई राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलते रहे हैं 
- गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून 1967 को रद्द करने की मांग की

'फ्री कश्मीर' के बाद बारूदी 'बुद्धिजीवी फ्री'?

गौतम नवलखा भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोप हैं और इसी सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. वैसे नवलखा दिल्ली में रहने वाले पत्रकार हैं और पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) से जुड़े रहे हैं. वह प्रतिष्ठित पत्रिका ‘इकनॉमिक एंड पोलिटिकल वीकली’ के संपादकीय सलाहकार हैं. उन्होंने सुधा भारद्वाज के साथ मिलकर गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून 1967 को निरस्त करने की मांग की थी. उनका कहना है कि गैरकानूनी संगठनों की गतिविधियों के नियमन के लिए पारित किए गए इस कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है. पिछले दो दशकों से अक्सर कश्मीर का दौरा करते रहे नवलखा ने जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर काफी लिखा है.

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मुंबई में फ्री कश्मीर का नारा लगाने वाली लड़की महक मिर्जा प्रभु पर महाराष्ट्र सरकार कोई कार्रवाई नहीं करने का विचार कर रही है... महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अनिल देशमुख ने इस बारे में जानकारी दी- 

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