हिसार: हरियाणा के हिसार के स्याहड़वा एरिया में की जाने वाली स्ट्राबेरी की खेती और बहबलपुर की गाजर के चर्चे देश ही नहीं विदेशों में भी होने वाले हैं. दरअसल, आज ब्रिटिश हाइकमीश्न का डेलिगेशन ने स्याहड़वा और बहबलपुर के खेतों में पहुंच कर यहां किसानों द्वारा अपनाई जा रही तकनीक के बारे में चर्चा की है.
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बता दें कि इंडिया और ब्रिटिश मिलकर किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए फोकस कर रहे हैं. ऐसे में आज 10 सदस्यीय दल हिसार के खेतों में पहुंचा था, जो की स्याहड़वा एरिया और बहबलपुर के लिए आज गौरव का पल था. फसल को लेकर किसानों की आमदनी किस तरह से बढ़ाई जा सकती है और कैसे उन्हें पैकेजिंग और दूसरी सहुलियते मिल सकती है. इन तमाम पहलुओं पर मंथन करने के लिए 10 सदस्यीय ब्रिटिश हाइकमीश्न का डेलिगेशन हिसार पहुंचा था. इनकी अगुवाई हिसार की डीसी डॉ प्रियंका सोनी ने की.
हिसार की स्ट्रॉबेरी दूसरे देशों में एक्सपोर्ट की जाने की तैयारी
डेलीगेशन के सदस्य इएन क्लींटन ने बातचीत में बताया कि यहां पर किसानों द्वारा स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर चर्चा की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत सरकार मिलकर किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फोकस करके चल रही है. ऐसे में कोशिश यही है कि किसानों को वहां अपनाई जाने वाली ना सिर्फ तकनीक के बारे में बताया जाए बल्कि किस तरह से अपने प्रोडक्ट की पैकिंग करनी है वो भी समझाया जाएगा. जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिल सके. इसके लिए किसानों की स्ट्रॉबेरी दूसरे देशों में एक्सपोर्ट भी की जाएगी. ब्रिटिश हाई कमिशन की टीम ने गांव बहबलपुर के खेतों पर जाकर यहां उगाई गई गाजर की फसल का निरीक्षण किया. यहां विकसित किए गए गाजर के देसी बीज, गाजर की धुलाई, ग्रेडिंग, पैकिंग तथा सीड प्रोडक्शन यूनिट का भी जायजा किया गया.