नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर जो संकट आया है, उसके निवारण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. उस पर जानकारी देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी के भारत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने के हमे स्वदेशी सामान को वरीयता देनी होगी.
MSME क्षेत्र को मिलेंगे 3 लाख करोड़
Rs 50,000 cr. equity infusion for MSMEs through Fund of Funds; to be operated through a Mother Fund and few daughter funds; this will help to expand MSME size as well as capacity: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/fwFe53MdLG
— ANI (@ANI) May 13, 2020
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज के कई हिस्सों से विस्तार से चर्चा के बाद इस पैकेज का विजन रखा था और हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत है. यह पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है. वित्त मंत्री ने कहा कि स्पेशल पैकेज में से लघु एवं मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा.
वित्तमंत्री ने कहा कि एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि संकट में फंसे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
भारतीय ब्रांड को ग्लोबल बनाने पर काम
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पैकेज का ऐलान आत्मनिर्भर भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इसके पांच स्तंभ इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं. आत्मनिर्भर भारत के लिए कई कदम उठाए गए. किसानों, कामगारों, मजदूरों के अकाउंट में सीधे पैसे डाले गए, जो एक तरह से अपने आप में क्रांति थी. उन्होंने कहा कि हमारा फोकस लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना है.
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केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के तहत प्रधानमंत्री ने पहला कदम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण के तहत उठाया जो 1.70 लाख करोड़ रुपए का था. आरबीआई के जरिए लिक्विडिटी दी गई. भारत दुनिया भर के देशों में की तुलना में कोविड से बेहतर तरीके से लड़ रहा है.