नई दिल्ली: मंगलवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र(PM Modi) मोदी ने दो बड़े ऐलान किए. जिसमें पहला था कि लॉकडाउन(Lockdown:4) के चौथे चरण का ऐलान. जिसके नए तरीके के नियम कानून 18 मई को घोषित कर दिए जाएंगे. इसके लिए राज्य सरकारों से राय मशविरा किया जा रहा है. लेकिन दूसरा अहम ऐलान 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का था. जिसके दूरगामी परिणाम होंगे. क्योंकि इस विशाल धनराशि से देश के आंतरिक व्यापार की नींव को मजबूत किए जाने का संकेत प्रधानमंत्री ने दिया है.
The post COVID-19 era will bring with it several opportunities and India's track record convinces me we will rise to the occasion and embrace the opportunities ahead. #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/ymqe3bjiml
— Narendra Modi (@narendramodi) May 12, 2020
1. आपदा को अवसर बनाने का संकेत
पीएम नरेन्द्र मोदी कोरोना(Coronavirus) से पैदा हुई मानवीय आपदा को विकास का अवसर बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं. उन्होंने इस बात का स्पष्ट संकेत भी दिया. पीएम ने उदाहरण देते हुआ कहा कि कोरोना संकट आने से पहले देश में पीपीई किट(PPE Kit) और मास्क बहुत कम बनते थे. लेकिन जब कोरोना की वजह से देश को जरूरत पड़ी तो देश के आत्मनिर्भर लोगों ने जीतोड़ मेहनत की.
जिसका नतीजा ये रहा कि भारत में ही दो लाख पीपीई और दो लाख मास्क तैयार करने की क्षमता विकसित कर ली. इस तरह भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया. आपदा को अवसर में बदलने की भारत की दृष्टि उतने ही बड़े अवसर में बदलने वाली है. ये प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा.
प्रधानमंत्री ने 38 बार अपने भाषण में आत्मनिर्भर शब्द का प्रयोग किया. जिससे यह साफ होता है कि वह भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं.
यानी हमारा देश किसी भी काम के लिए विदेश पर निर्भर ना रहे. ये प्रधानमंत्री की पवित्र मंशा है.
I cannot forget Kutch in 2001. The devastating quake destroyed a lot but never the determination of the people.
In no time, Kutch bounced back.
The same way, India will. #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/y4PpJngN0p
— Narendra Modi (@narendramodi) May 12, 2020
2. लोकल उत्पादों को ग्लोबल बनाने की तैयारी
प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने पर जोर देने का अनुरोध किया. जिसमें प्रधानमंत्री ने खादी(Khadi) का उदाहरण दिया. पीएम ने याद दिलाया कि कैसे उनके अनुरोध पर लोगों ने खादी खरीदने पर जोर देना शुरु किया और खादी एक ब्रांड के रुप में स्थापित हो गया.
प्रधानमंत्री चाहते हैं कि स्थानीय उत्पादों को खरीदा जाए. जिसकी वजह से स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों को मजबूती मिले. प्रधानमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया है कि लोग ना केवल स्थानीय उत्पादों को खरीदें बल्कि उसका प्रचार भी करें. जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर अर्थव्यवस्था का रोटेशन हो.
दरअसल ये संदेश बहुत बड़ा है. भारत अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करके उन्हें ग्लोबल ब्रांड(Global brand) बनाने की तैयारी कर रहा है.
With the self reliant package, India’s total economic package to deal with the aftermath of COVID stands at Rs 20 lakh crore. It is about 10% of India’s GDP.
This will empower all sections of society. #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/WwRccy95H0
— BJP (@BJP4India) May 12, 2020
3. देश के हर तबके को फायदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज से देश के हर तबके को फायदा मिलेगा. इसमें किसान-मजदूर से लेकर मध्य वर्ग तक शामिल हैं.
प्रधानमंत्री के भाषण से मिले संकेत से यह स्पष्ट है कि 10 करोड़ प्रवासी मजदूर जो कि दूसरे शहरों में जाकर काम करने के लिए मजबूर थे. उन्हें अब लाभ मिलेगा और उनके हुनर को उचित सम्मान मिलेगा.
छोटे औऱ मझोले उद्योग यानी MSME से जुड़े 11 करोड़ कर्मचारियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज का बड़ा लाभ होने वाला है. खास बात ये है कि मंझोले उद्योग ही देश की आर्थिक मजबूती की रीढ़ हैं. उनका योगदान देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 30 से 35 फीसदी होता है. ऐसे में MSME की मजबूती से देश आत्मनिर्भर होगा.
पर्यटन ऐसा उद्योग है जिसमें बिना किसी खास निवेश के विदेश मुद्रा आती है. इससे देश के 3.8 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री के ऐलान से ये संकेत मिलता है कि पर्यटन और होटल(Tourism and Hotel) से जुड़े लोगों को भारी फायदा होने वाला है.
टेक्सटाइल(Textile) उद्योग देश का बड़ा सेक्टर है. जिससे साढ़े चार यानी 4.5 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं. जिन्हें पीएम मोदी द्वारा घोषित किए गए विशेष पैकेज का लाभ होने वाला है.
4. उम्मीद से ज्यादा देकर पुनर्निर्माण की मंशा स्पष्ट कर दी
खास बात ये है कि पीएम ने जो आर्थिक पैकेज का ऐलान किया वो चौंकाने वाला था. किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि पीएम सीधा 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान कर देंगे.
CII यानी कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज ने 15 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की थी. लेकिन पीएम ने 5 लाख करोड़ ज्यादा यानी 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान कर दिया.
FICCI ने तो मात्र 10 लाख करोड़ ही मांगे थे. लेकिन पीएम ने उसके दुगुना दे दिया.
PHD चैंबर्स ने कोरोना संकट दूर करने के लिए 16 लाख करोड़ मांगे थे. लेकिन पीएम ने ज्यादा दिया.
प्रधानमंत्री के इस ऐलान से स्पष्ट है कि उन्होंने कोरोना संकट के बहाने देश की आर्थिक रीढ़ को मजबूत करके विदेशों पर निर्भर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह स्वदेशी बनाने की तैयारी कर ली है. स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना. देश के अहम सेक्टरों पर खर्च बढ़ाना ये बताता है कि भारत अब आर्थिक रुप से विश्वशक्ति बनने की राह पर आगे बढ़ चला है.