Trending Photos
Chandrayaan-3 Anand Mahindra Tweet: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) भी गुरुवार को चंद्रयान-3 मिशन पर नजर बनाए रखा और सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद कई ट्वीट किए. हालांकि, उन्होंने एक वीडियो को शेयर करते हुए अंग्रेजों को जमकर लताड़ा. आनंद महिंद्रा ने बीबीसी एंकर के उस सवाल का जवाब दिया कि क्या भारत को वास्तव में चंद्रयान-3 के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर पैसा खर्च करना चाहिए. एंकर ने तर्क दिया था कि भारत की अधिकांश आबादी गरीबी में रहती है, यह देखते हुए कि 700 मिलियन से अधिक भारतीयों के पास शौचालय तक पहुंच नहीं है. इस मामले में आनंद महिंद्रा का जवाब बोलती बंद कर देने वाला था.
एंकर के सवाल पर आनंद महिंद्रा का जवाब
वायरल वीडियो में बीबीसी एंकर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आप जानते हैं कि मुझे आपसे पूछना होगा क्योंकि कुछ लोग इस बारे में सोच रहे हैं. भारत, एक ऐसा देश जहां बुनियादी ढांचे की बहुत कमी है, एक ऐसा देश जहां बहुत गरीबी है. मुझे लगता है कि 700 मिलियन से अधिक भारतीयों के पास शौचालय तक पहुंच नहीं है. वास्तव में, क्या उन्हें अंतरिक्ष कार्यक्रम पर इस प्रकार का पैसा खर्च करना चाहिए?"
Really?? The truth is that, in large part, our poverty was a result of decades of colonial rule which systematically plundered the wealth of an entire subcontinent. Yet the most valuable possession we were robbed of was not the Kohinoor Diamond but our pride & belief in our own… https://t.co/KQP40cklQZ
— anand mahindra (@anandmahindra) August 24, 2023
फिर आनंद महिंद्रा ने दिया ऐसा जवाब
बीबीसी एंकर के वीडियो वाले ट्वीट का जवाब देते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा, “क्या सचमुच? सच्चाई यह है कि बड़े पैमाने पर हमारी गरीबी दशकों के औपनिवेशिक शासन का परिणाम थी जिसने पूरे उपमहाद्वीप की संपत्ति को लूटा. फिर भी हमसे जो सबसे मूल्यवान संपत्ति लूटी गई वह कोहिनूर हीरा नहीं बल्कि हमारा गौरव और अपनी क्षमताओं पर विश्वास था." उन्होंने आगे कहा, “क्योंकि उपनिवेशीकरण का लक्ष्य अपने पीड़ितों को उनकी हीनता के बारे में समझाना है. यही कारण है कि शौचालय और अंतरिक्ष अन्वेषण दोनों में निवेश करना कोई विरोधाभास नहीं है."
उनका ट्वीट भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया
आनंद महिंद्रा ने लिखा, "महोदय, चांद पर जाने से हमारे लिए जो होता है वह यह है कि यह हमारे गौरव और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है. यह विज्ञान के माध्यम से प्रगति में विश्वास पैदा करता है. यह हमें गरीबी से बाहर निकलने की प्रेरणा देता है. सबसे बड़ी गरीबी आकांक्षा की गरीबी है." भारत ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच दिया और रूस, अमेरिका और चीन के बाद चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया.