OMG! 9 महीने के अंदर लड़के ने पास कर ली 8वीं से 12वीं तक की परीक्षा और बन गया सबसे युवा इंजीनियर
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OMG! 9 महीने के अंदर लड़के ने पास कर ली 8वीं से 12वीं तक की परीक्षा और बन गया सबसे युवा इंजीनियर

Trending: गुजरात में एक होनहार लड़का है, जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में इंजीनियरिंग की डिग्री ले ली. उसका नाम है निर्भय ठाकर और वो गुजरात के भुज का रहने वाला है.

 

OMG! 9 महीने के अंदर लड़के ने पास कर ली 8वीं से 12वीं तक की परीक्षा और बन गया सबसे युवा इंजीनियर

Youngest Engineer Of Gujarat: स्कूल और कॉलेज तो ज्यादातर लोग 18-22 साल की उम्र में खत्म कर लेते हैं. लेकिन कुछ जबरदस्त दिमाग वाले बच्चे ऐसे होते हैं, जो कम उम्र में ही पढ़ाई पूरी कर लेते हैं. गुजरात में भी एक ऐसा ही होनहार लड़का है, जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में इंजीनियरिंग की डिग्री ले ली. उसका नाम है निर्भय ठाकर और वो गुजरात के भुज का रहने वाला है. निर्भय का जन्म 2002 में हुआ था और वह 15 साल का ही था, जब उसने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) की पूरी पढ़ाई सिर्फ एक साल में ही कर ली. ये बात पूरे शहर में फैल गई और निर्भय सबका चहेता बन गया. अब वह और पढ़ाई कर रहा है और अपने बड़े सपनों को पूरा करने की जोर लगा रहा है.

9 महीने में पास कर ली 8वीं से 12वीं की परीक्षा

वह गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) के एक्स स्टूडेंट है. बीई की डिग्री लेने से पहले निर्भय को एजुकेशन ईयर 2015-16 में क्लास 8 से 10 पास करने में केवल छह महीने लगे और फिर 11वीं, 12वीं क्लास को पास करने में सिर्फ 3 महीने ही लगे. निर्भय सिर्फ 13 साल के थे जब उन्होंने अपनी एचएससी पूरी की. बाद में, वह महज 15 साल की उम्र में गुजरात के सबसे कम उम्र के इंजीनियर बन गए. उन्होंने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (मेन्स) में हिस्सा लिया और 75/360 अंक हासिल किए. उन्होंने 2017 में 15 साल की उम्र में जीटीयू से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. वह एक इंजीनियर पिता और एक डॉक्टर मां के बेटे हैं.

निर्भय की हर तरह हो रही जमकर वाहवाही

निर्भय ने अपनी स्कूली शिक्षा 'इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन' (आईजीसीएसई) से की, जो तेजी से सीखने वालों को कम समय में स्कूली शिक्षा पूरी करने की अनुमति देता है. इस केस में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश समिति (एसीपीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से भी मंजूरी मिल गई थी. इस तरह उन्हें एसएएल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला मिल गया. अब निर्भय की वाहवाही हर तरफ हो रही है और लोग इस बारे में जानकार काफी प्रेरित भी हो रहे हैं. 

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