नदिसाबा (Ndayisaba) पिछले 30 सालों से अपने शरीर पर मधुमक्खियां पाल रहे हैं. इस दौरान वह न के बराबर कपड़े पहने रहते हैं और मधुमक्खियों का झुंड उनके शरीर पर किसी कोट की तरह नजर आता है. मधुमक्खियों से ढंके शरीर की फोटो सोशल मीडिया पर आने के बाद से नदिसाबा खासे मशहूर हो गए हैं.
नदिसाबा बताते हैं, 'मधुमक्खियों को नियंत्रित करने के लिए मुझे सबसे पहले रानी मधुमक्खी की तलाश करनी होती है. फिर उसके जरिए मैं अन्य मधुमक्खियों को आकर्षित करके अपने शरीर पर रखता हूं.' इस टेक्नीक के जरिए वे पूरे के पूरे छत्ते की मधुमक्खियों को अपनी ओर खींच लेते हैं. रानी मधुमक्खी (Queen Bee) को खुद से जोड़े रखने के लिए वे अपनी कमर के चारों ओर एक तार के टुकड़े की मदद लेते हैं. इसके बाद बाकी मधुमक्खियां अपनी रानी की रक्षा के लिए उसकी ओर आती हैं और उसके चारों ढाल बना लेती हैं. नादिसाबा कहते हैं 'मैं मधुमक्खी पालना अच्छे से जानता हूं, लिहाजा वे मुझे कभी नहीं काटती हैं.'
नदिसाबा अपने इस असामान्य कौशल के कारण मशहूर तो हैं ही, वे इन मधुमक्खियों द्वारा इकट्ठा किए गए शहद को बेचकर खासी कमाई भी करते हैं. मधुमक्खियां उन्हें काटें न इसके लिए समय-समय पर उन पर चीनी का चाशनी का स्प्रे करते हैं क्योंकि मधुमक्खियों का पेट भरा होने पर उनके डंक मारने की आशंका कम होती है.
इस दौरान कान और नाक को रुई से ढंक लिया जाता है ताकि वहां कोई मधुमक्खी न घुसे. इसके अलावा आंखों के नीचे और होठों पर वैसलीन लगा लेते हैं ताकि वहां मधुमक्खियों को रेंगने से रोका जा सके.
रानी मधुमक्खी के जरिए अन्य मधुमक्खियों को अपने शरीर की ओर आकर्षित करना तो फिर भी आसान हैं, लेकिन मुश्किल स्थिति तब पैदा होती है, जब इन्हें निकालने का समय आता है. इसके लिए एक सहायक की मदद से रानी मधुमक्खी को नदिसाबा के सिर के चारों ओर बांधा जाता है. फिर रानी नदिसाबा की ठुड्डी के नीचे आराम करती है और बाकी मधुमक्खियां फिर से उसे चारों तरफ से घेरकर दाढ़ी की तरह लटक जाती हैं. इसके बाद इन्हें निकाला जाता है.
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