दुनिया के सबसे लंबे समय तक मौत की सजा काटने वाले दोषी के लिए मौत की सजा दिए जाने के 55 साल बाद फिर से मुकदमा चलाया गया है. टोक्यो के उच्च न्यायालय ने सोमवार (13 मार्च) को 87 वर्षीय पूर्व मुक्केबाज इवाओ हाकामादा (Iwao Hakamada) के मामले में फिर से सुनवाई का आदेश दिया.
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हाई कोर्ड ने कहा कि उसने अपने पुराने बॉस, उसकी पत्नी और उनके दो बेटों की हत्या कबूल किया था. इवाओ की बहन हिदेको, जिसने पिछले पांच दशकों से अपने भाई की रिहाई के लिए अभियान चलाया, अब उसने कहा: "मैं इस दिन का 57 साल से इंतजार कर रही थी और अब यह समय आ गया है."
दोषी की बहन ने कहा कि मेरे कंधे पर रखा भार रीट्रायल के बाद उठ गया है और अब उसे (इवाओ) रिहाई मिल सकती है. इवाओ को 1968 में मौत की सजा सुनाई गई थी और पिछले पांच दशक मौत की सजा पर बिताए गए कबूलनामे से लड़ने के बाद उसने दावा किया कि उसने केवल इसलिए कबूल किया क्योंकि जापान की पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे बेरहमी से पीटा था.
जापान के सर्वोच्च न्यायालय ने 1980 में दोषी फैसले की पुष्टि की.एक क्रूर कानूनी लड़ाई के बाद, शिज़ुओका शहर की एक जिला अदालत ने 2014 में एक पुनर्विचार की अनुमति दी. टोक्यो के उच्च न्यायालय ने सिर्फ चार साल बाद निचली अदालत के फैसले को पलट दिया, जिसके कारण मामले को अपील पर सर्वोच्च न्यायालय भेजा गया.
देश की सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीशों ने 2020 में फैसला सुनाया कि टोक्यो उच्च न्यायालय को निचली अदालत के फैसले को पलटने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. दुनिया के सबसे लंबे समय तक मृत्युदंड पाने वाले कैदी का कहना है कि लगभग 50 वर्षों की हिरासत, जिनमें से अधिकांश एकांत कारावास में थी और उस पर मौत की सजा का लगातार खतरा मंडरा रहा था. इवाओ का ये रिकॉर्ड 2014 में गिनीज वर्ल्ड में किया गया
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