लिपोडेमा (Lipoedema Symptoms) उन कुछ बीमारियों में शुमार है, जिसके ट्रीटमेंट (Lipoedema Treatment) की उम्मीद फिलहाल कम है. इसकी वजह से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैट सेल्स (Fat Cells In Body) बनने लगते हैं, जिन्हें सिर्फ लिपोसक्शन (Liposuction) की मदद से ही हटाया जा सकता है. बिलिंघम (Billingham) की रहने वाली जो पियर्स (Zoe Pearce) पिछले 11 सालों से इस क्रॉनिक बीमारी (Chronic Illness) से जूझ रही हैं.
जो पियर्स की इस बीमारी का इलाज सिर्फ लिपोसक्शन सर्जरी (Liposuction Surgery) से ही संभव है लेकिन यूनाइटेड किंगडम की नेशनल हेल्थ सर्विस (National Health Service) यानी एनएचएस (NHS) ने इसके लिए मना कर दिया है. उनका कहना है कि लिपोसक्शन सर्जरी (Liposuction Surgery) की इजाजत सिर्फ बेहद गंभीर मामलों में ही दी जा सकती है. वहीं, जो पियर्स का कहना है कि बीते 11 सालों में उनकी हालत बदतर हो गई है. पैरों के साथ ही उनके ब्रेस्ट (Fat Cells In Breasts) और बांहों में भी फैट सेल्स की मात्रा (Fat Cells In Body) बढ़ती जा रही है.
जो पियर्स ने बताया कि 2 साल पहले उन्हें पता चला कि वे लिपोडेमा के टाइप 4 की तीसरी स्टेज (Third Stage) पर हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि डाइट या एक्सरसाइज (Exercise) की मदद से इसे कम या खत्म नहीं किया जा सकता है. इसका एकमात्र सहारा लिपोसक्शन सर्जरी (Liposuction Surgery) ही है.
29 साल की जो पियर्स दो बेटों की मां हैं. उनका कहना है कि लिपोडेमा (Lipoedema Symptoms) ने उनकी पूरी जिंदगी को बदलकर रख दिया है. वे स्विमिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing Exercise) की मदद से अपने लक्षणों को कंट्रोल करने की कोशिश करती हैं. साथ ही वे कैफीन और मीठी चीजों से परहेज करती हैं. पास्ता खाने से उन्हें दर्द होता है, जबकि एल्कोहॉल से उनके पैर कमजोर होने लगते हैं.
जो पियर्स को डर है कि अब भी समय रहते अगर उनकी लिपोसक्शन सर्जरी (Liposuction Surgery) नहीं की गई तो उन्हें पूरी जिंदगी व्हीलचेयर पर बितानी पड़ सकती है. वे अपनी इस हालत से काफी परेशान हो चुकी हैं.
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