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Taj Hotel Construction Story: ताज होटल दुनिया के जाने-माने होटल ब्रांड्स में से एक है. यहां जाना ही लोगों के लिए फख्र की बात होती है. देश के ही नहीं विदेशी यात्री भी ताज होटल में ठहरने को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस होटल के बनने के पीछे एक बड़ी ही दिलचस्प कहानी है. यह कहानी है विदेश में हुए एक भारतीय के अपमान की, जिसके बाद उसने इस अपमान का बदला लेने का निश्चय किया. जी हां, टाटा ग्रुप्स के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने विदेश में हुए अपने और भारत के अपमान का बदला लेने के लिए ताज होटल बनवाया था.
दरअसल, एक बार जमशेदजी टाटा ब्रिटेन गए हुए थे. वहां उनके एक विदेशी दोस्त ने उन्हें एक होटल में मिलने के लिए बुलाया. जमशेदजी टाटा जब वहां पहुंचे तो होटेल के मैनेजर ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. उसने होटल के गेट पर ही उन्हें रोक लिया और कहा कि भारतीयों का अंदर आना मना है, हम भारतीयों को होटल के अंदर आने की परमिशन नहीं देते हैं. यह बात जमशेदजी के दिल को लग गई. उन्हें यह खुद के साथ-साथ देश का भी अपमान लगा.
इस घटना के बाद उन्होंने ठान लिया कि वे एक ऐसा होटल बनवाएंगे जो दुनियाभर में आकर्षण का केंद्र बनेगा. ऐसा होटल जिसमें केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी लोग भी बिना किसी रोक-टोक के आकर रह सकेंगे. ब्रिटेन से वापस आने के बाद जमशेदजी टाटा ने मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway Of India) के सामने पहले ताज होटल का निर्माण शुरू करवाया. बता दें कि ये होटल साल 1903 में बनवाया गया था. यह समुद्र के ठीक सामने स्थित है और आज दुनियाभर के यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
आज ताज होटल दुनिया में एक ब्रांड बन चुका है. हाल ही में इसने एक नया खिताब भी अपने नाम किया है. ब्रांड फाइनेंस की 'होटल्स-50 2021' रिपोर्ट के मुताबिक, ताज होटल को दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड घोषित किया गया है. इसी रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान आई मुश्किल चुनौतियों के सामने ताज होटल मजबूती से लड़ा. इसी कारण से इसे सबसे मजबूत ब्रांड्स की लिस्ट में टॉप पर रखा गया है.
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