बरसात के मौसम में बादलों के फटने की घटना अक्सर गंभीर बाढ़ और जान-माल के नुकसान का कारण बनती है. इसे 'बादल फटना' कहा जाता है, लेकिन असल में यह क्या है और इसकी वजह क्या है, आइए समझते हैं.


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 बादल फटना क्या है?


बादल फटना एक प्राकृतिक घटना है जिसमें अचानक अत्यधिक मात्रा में बारिश होती है. यह आमतौर पर एक छोटे क्षेत्र में होता है और बहुत कम समय में बहुत ज्यादा पानी गिरता है. यह घटना विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक देखी जाती है.


 


 बादल फटने की असली वजह


 


 भूगर्भीय स्थिति


पहाड़ी क्षेत्रों में हवा की धाराएं तेजी से ऊपर की ओर उठती हैं. जब गर्म और नमी वाली हवाएं पहाड़ों से टकराती हैं, तो ये तेजी से ऊपर उठती हैं और ठंडी होकर संघनित हो जाती हैं. इससे बहुत ज्यादा नमी वाले बादल बनते हैं.


 


 तापमान में अचानक परिवर्तन


समुद्र से आने वाली नमी युक्त हवाएं जब ठंडी हवाओं से मिलती हैं, तो संघनन की प्रक्रिया तेज हो जाती है. इससे भारी बारिश होती है.


 


 नमी का संचय


वायुमंडल में नमी का संचय बढ़ने से संघनन की प्रक्रिया तेज हो जाती है. जब नमी की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह अचानक और तेज बारिश के रूप में गिरती है.


 


 मानव गतिविधियां


मानव जनित गतिविधियों जैसे वनों की कटाई, अनियंत्रित शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन भी इस घटना को प्रभावित करते हैं. इनसे मौसम पैटर्न में बदलाव आता है और बादल फटने की घटनाएं बढ़ सकती हैं.


 


 प्रभाव


बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ सकती है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है. पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि कटाव और मलबा बहाव की घटनाएं आम होती हैं. सड़कें और इमारतें ध्वस्त हो सकती हैं, और गांव-शहरों में जलभराव हो सकता है.



 


 बचाव के उपाय


- मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें.


- सुरक्षित स्थान पर जाएं और निचले इलाकों से बचें.


- स्थानीय प्रशासन द्वारा बताए गए बचाव उपायों का पालन करें.


 


बादल फटना एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है, लेकिन सावधानी और सतर्कता से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है