उज्जैन के एक गांव की ये परंपरा है कि दिवाली के एक दिन के बाद वहां के लोग गाय से खुद को कुचलवाते हैं क्योंकि वो मानते हैं कि ऐसा करने से उनकी मुराद पूरी होती है. ये परंपरा सालों से चली आ रही है लेकिन गौ माता किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाती. इस दिन गांव में लोग पहले 5 दिन भजन-कीर्तन करते हैं फिर जमीन पर लेट जाते हैं जिसके बाद सैकड़ों गाए उनके ऊपर से उन्हें रौंदती हुई निकल जाती हैं.