नई दिल्ली: लोकतंत्र के प्रतीक भारत (India) में लाखों की संख्या में चर्च (Church) हैं. अकेले दक्षिण भारत में ही हजारों की संख्या में चर्च हैं. भारत के हर चर्च में कुछ न कुछ ऐसा है, जिसके कारण वे एक-दूसरे से अलग और खास हैं. लेकिन पुराने गोवा (Old Goa Church) में एक ऐसा चर्च है, जो भारत में मौजूद सभी चर्च से पूरी तरह से जुदा है.


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इस चर्च के बारे में जानकर चौंक जाएंगे आप. दरअसल इस चर्च में 450 सालों से एक ईसाई संत की डेड बॉडी को सहेज कर रखा गया है. माना जाता है कि इस डेड बॉडी में कई दिव्य शाक्तियां मौजूद हैं और इसमें से आज भी खून निकलता है.


आखिरी बार साल 2014 में लोगों को हुए थे दर्शन
पुराने गोवा में स्थित 'बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च' (Basilica of Bom Jesus Church) में सभी धर्मों के लोग आते हैं. हर साल 6-9 फरवरी तक गोवा में चलने वाले कार्निवल (Goa Carnival) में इस चर्च में हजारों की संख्या में लोग आते हैं. इस चर्च में ही बीते 450 सालों से फ्रांसिस जेवियर (Francis Xavier) नामक शख्स की बॉडी रखी हुई है. कहते हैं कि फ्रांसिस जेवियर की डेड बॉडी में आज भी दिव्य शाक्तियां मौजूद हैं, जिसके कारण यह खराब नहीं होती है.


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हर 10 साल के बाद इसे लोगों के दर्शन के लिए रखा जाता है. इस बॉडी को कांच के ताबूत में रखा गया है. आखिरी बार साल 2014 में इसे लोगों के दर्शन करने के लिए रखा गया था.


कौन थे सेंट फ्रांसिस जेवियर?
फ्रांसिस जेवियर का जन्म 7 अप्रैल 1506 ई. को स्पेन में हुआ था. फ्रांसिस जेवियर पहले एक सिपाही थे. वे इग्नाटियस लोयोला (Ignatius Loyola) के छात्र थे. इग्नाटियस लोयोला जीसस के आदेशों के संस्थापक थे. गोवा पर जब पुर्तगालियों का राज था, तब वहां के राजा जॉन थर्ड और उस वक्त के पोप ने जेसुइट मिशनरी बनाकर फ्रांसिस जेवियर को गोवा में धर्म के प्रचार के लिए भारत भेजा था. उसके बाद फ्रांसिस जेवियर को संत बना दिया गया. 


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शव को तीन बार कब्र से बाहर निकाला गया
भारत में ही नहीं, बल्कि चीन और जापान समेत आस-पास के देशों में फ्रांसिस जेवियर ने लोगों को ईसाई धर्म की दीक्षा दी थी. चीन की यात्रा के दौरान फ्रांसिस जेवियर की मौत हुई थी. सेंट जेवियर ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनको गोवा में ही दफन किया जाए. सेंट जेवियर के शिष्यों ने उनके शव को गोवा में ही दफना दिया. लेकिन कई सालों बाद रोम से कुछ संतों का एक डेलिगेशन वापस आया, जिसके बाद उनके शव को कब्र से बाहर निकाला गया था.


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उसके बाद उनके शव को वापस दफनाया गया था. सेंट जेवियर के शव को तीन अलग-अलग बार कब्र से बाहर निकाला गया था.


फ्रांसिस जेवियर ने एक हाथ शरीर से अलग कर लिया था
संत फ्रांसिस जेवियर का शरीर आज भी उसी अवस्था में है, जैसा पहली बार था. एक महिला का दावा था कि उसने एक बार सेंट जेवियर के पैरों में सुई चुभो दी थी, तब वहां से खून निकलने लगा था. इतना ही नहीं, लोग कहते हैं कि अपनी मृत्यु से पहले सेंट जेवियर ने अपनी शक्तियों से अपना एक हाथ अपने शरीर से अलग कर दिया था. यह हाथ आज भी इसी चर्च में मौजूद है.


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