गर्भ में पल रहे बच्चे का जेंडर (Gender) जानना कानूनी अपराध माना जाता है. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मां के पेट में पल रहे बच्चे का जेंडर जानने के लिए अजब-गजब परंपराएं निभाते हैं. धारखंड में एक पहाड़ से लोग गर्भ का हाल जानते हैं.
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नई दिल्ली: भारत में अजब-गजब परंपराएं (Traditions) हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम भली-भांति जानते हैं. लेकिन कई ऐसी मान्यताएं भी हैं, जिनके बारे में आमतौर पर हमें जानकारी नहीं होती है. ऐसी ही एक अजब-गजब मान्यता को जानकर आप हैरान रह जाएंगे. गर्भ में पल रहे बच्चे का जेंडर (Gender) जानना कानूनी अपराध माना जाता है.
लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मां के पेट में पल रहे बच्चे का जेंडर जानने के लिए अजब-गजब परंपरा निभाते हैं.
पहाड़ बताता है गर्भ का हाल
झारखंड (Jharkhand) के लोहरदगा में स्थित खुखरा गांव में एक बेहद लोकप्रिय पहाड़ (Mountain) है. इस पहाड़ पर चांद की आकृति खुदी हुई है इसलिए लोग इसे चांद का पहाड़ भी कहते हैं. माना जाता है कि आकृति से मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पता चल जाता है. पहाड़ बता देता है गर्भ में पल रहा बच्चा बेटा है या बेटी.
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इसके लिए गर्भवती महिला को पहाड़ पर पत्थर फेंकना होता है. अगर वह चांद के भीतर लगता है तो लड़का होता है और यदि बाहर निकल जाता है तो लड़की होती है.
400 वर्षों से लोगों का भविष्य बता रहा
कहते हैं कि यह पहाड़ पिछले 400 वर्षों से लोगों को उनके भविष्य के बारे में बता रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, गर्भवती महिला एक निश्चित दूरी से इस पहाड़ी पर बने चांद की ओर पत्थर मारती है. अगर पत्थर चंद्रमा के बीच में जाकर लगता है तो गर्भ में लड़का होता है और यदि वह पत्थर चंद्रमा के बाहर लगे तो माना जाता है कि लड़की का जन्म होगा.
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कहा जाता है कि अब तक जितनी महिलाओं ने इस मान्यता को परखा है, उनका जवाब बिलकुल सटीक आया है. आज भी महिलाएं इस पहाड़ के पास आकर गर्भस्त शिशु के लिंग का पता लगवाती हैं.