नई दिल्ली: ईरान अजीबोगरीब कानूनों (Iran Weird Laws) से भरा पड़ा है. यहां ऑनर किलिंग (Honour Killing) की घटनाएं बेहद आम हैं. इस देश में शरिया कानून के तहत ऑनर किलिंग पर खास सजा नहीं है इसलिए आत्मसमर्पण भी कोई बड़ी बात नहीं. यहां का सबसे भयानक कानून साल 2013 में पास हुआ था. इसके तहत पिता अपनी गोद ली हुई बेटी (Adopted Daughter) से शादी कर सकता है.


पिता कर सकता है अपनी ही बेटी से निकाह 


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2013 में ईरान में सबसे अजीबोगरीब और भयानक कानून (Iran Weird Laws) पास हुआ था. इसके तहत पिता अपनी गोद ली हुई बेटी (Adopted Daughter) से शादी कर सकता है. The Islamic Consultative Assembly, जिसे मजलिस भी कहा जाता है, ने यह नियम बनाया. इस नियम के पीछे उनका तर्क था कि इससे 13 साल की लड़कियों को अपने पिता के ही सामने हिजाब (Hijab) पहनने से आजादी मिल जाएगी.


गौरतलब है कि ईरान में 13 साल या इससे ज्यादा उम्र की गोद ली हुई बेटी को पिता के सामने हिजाब पहनना होता है, जबकि 15 साल से ऊपर के गोद लिए बेटे के सामने मां को हिजाब पहनना पड़ता है. मजलिस के मुताबिक, लड़कियों को घर में हिजाब से छुटकारा दिलाने के लिए पिता से शादी का अजीबोगरीब नियम बनाया गया.


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शादी के लिए ये होती है शर्त


ऐसी शादी के लिए पिता के सामने 2 शर्तें होती हैं. पहली शर्त, बेटी की उम्र 13 साल या इससे ज्यादा होनी चाहिए और दूसरी कि पिता को तर्क देना होता है कि यह काम वह बेटी की भलाई के लिए कर रहा है. इस कानून का भी सोशल मीडिया (Social Media) और सोशल एक्टिविस्ट (Social Activist) ने जमकर विरोध किया.


इस्लामिक क्रांति के बाद महिलाओं पर पाबंदियां 


ईरान में लड़कियों के साथ भेदभाव होना कोई नई बात नहीं है. इस देश में इस्लामिक क्रांति के बाद यहां महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं. आप शायद नहीं जानते होंगे कि यहां पर औरतों को मैदान में जाकर फुटबॉल मैच देखने की अनुमति नहीं थी. अब तक यहां के इस्लामिक धार्मिक गुरुओं का तर्क था कि औरतों को मर्दों वाले खेल देखने से बचना चाहिए. लेकिन इसके बाद फुटबॉल प्रेमी सहर खोडयारी की खुदकुशी से ईरान को झुकना पड़ा. 


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दुनियाभर में ईरान की नीति का विरोध


दरअसल 29 साल की सहर खोडयारी को मैदान में बैठकर मैच देखने की बेहद इच्छा थी. इसलिए वह पुरुषों का भेष बनाकर खेल देखने मैदान पहुंच गई. लेकिन सुरक्षा गार्ड्स को सहर पर शक हो गया और उन्हें छह माह की कैद की सजा दे दी गई. इस सदमे से सहर ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद इस घटना से आक्रोशित लोगों ने दुनियाभर में ईरान की इस नीति (Iran Weird Laws) का जमकर विरोध किया.


इसका असर यह हुआ कि अब तेहरान के आजादी स्टेडियम में कंबोडिया के खिलाफ होने वाले वर्ल्ड कप 2022 क्वालिफायर मैच में 3500 महिलाओं को बैठ सकने की इजाजत मिली है.


गैर मर्दों से हाथ मिलाना भी गुनाह


यहां इस तरह के कई अजीबोगरीब कानून बनाए गए हैं. यहां औरतों का गैर मर्दों से हाथ मिलाना भी गुनाह है. अगर सार्वजनिक जगहों पर कोई महिला किसी पुरुष से हाथ मिलाते हुए देख ली जाए तो उस पर जुर्माना लगा दिया जाता है और उसे कैद भी हो सकती है. आपको याद होगा कि जब ईरानी महिला टीम ने ग्लोबल चैलेंज टूर्नामेंट जीता था तो टीम के कोच ने अपनी खिलाड़ियों से एक क्लिपबोर्ड की मदद से हाथ मिला कर उन्हें शाबाशी दी थी.


धार्मिक गुरुओं का अजीबोगरीब तर्क


यहां के इस्लामिक धर्मगुरुओं का तर्क है कि 12 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों का चेहरा या शरीर का कोई भी हिस्सा पिता, पति या भाई के अलावा कोई नहीं देख सकता. यहां हिजाब नहीं पहनने पर सख्त सजा का प्रावधान है. हालांकि इस पाबंदी का अक्सर विरोध होता है लेकिन अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. 


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महिलाओं के तलाक लेने पर भी पाबंदी


यहां साल 1979 से ही औरतों से तलाक लेने के हक पर पाबंदी लगा दी गई थी. यहां पुरुषों को तो तलाक का अधिकार है लेकिन कोई पत्नी यह मांग नहीं कर सकती, चाहे पति उसके साथ घरेलू हिंसा (Domestic Violence) ही क्यों न करता हो. यहां तक कि बीवियों को बाहर काम करने के लिए भी पति की इजाजत चाहिए होती है. कंपनी में पति की स्वीकृति दिखाने पर ही उन्हें हायर किया जाता है.


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