Pakistan Hindu Community: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों विशेषकर पाकिस्तानी हिंदूओं के हालात को लेकर सवाल उठते रहे हैं. पाकिस्तानी में हिंदूओं के साथ हो रहे भेदभाव की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं. एक पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब मलिक ने पाकिस्तान के एक हिंदू दिविक कुमार से इस मुद्दे पर बातचीत की है जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.


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दिविक कुमार इंटरव्यू के दौरान भारत और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात की तुलना करते तंज सकते हैं कि पाकिस्तान यह आरोप लगाता है कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यकों पर जुर्म ढाए जाते हैं अगर यह सही है तो ऐसे जुर्म हम पर भी ढाए जाएं, हम इसके लिए तैयार हैं क्योंकि भारत में मुस्लिम राष्ट्रपति, चीफ इलेक्शन कमिश्नर, आर्मी चीफ, मुख्यमंत्री जैसे अहम पदों पर बैठ सकते हैं. साथ ही वह संसद में भी चुनकर आ सकते हैं, क्रिक्रेट और बॉलीवुड में भी मुस्लिमों की उपस्थिति देखी जा सकती है. इसलिए ऐसा ही जुर्म पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ भी किया जाए.


 



दिविक कहते हैं कि भारत में सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध हैं लेकिन पाकिस्तान में अवसरों की वैसे भी कमी है और जो हैं उनमें भी भेदभाव किए जाते हैं.


हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण
दिविक कुमार बताते हैं कि पाकिस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जाता है और उनकी हत्याएं की जाती है जबकि शहरों में रहने वाले मध्यम से उच्च वर्ग के हिंदुओं को के साथ भेदभाव किया जाता है. उनको नौकरी नहीं मिलेगी, प्रमोशन नहीं मिलेगी, बिजनेस में तंग किया जाता है. शहरों में हिंदुओं के मर्डर कम होते हैं.


दिविक कुमार इंटरव्यू में बताते हैं कि पाकिस्तान में हिंदू पंचायत जैसे संगठन हैं लेकिन उनकी कोई अहमियत नहीं है. वह पाकिस्तान के मंदिरों के दुर्दशा का जिक्र करते हैं और बताते हैं कि पाकिस्तान में 1550 मंदिरों/गुरुद्वारों के ऊपर मॉल, बिल्डिंग और पार्किंग बन चुकी हैं.


जिन्ना की मशहूर स्पीच पर उठाए सवाल
दिविक मोहम्मद अली जिन्ना की 11 अगस्त 1947 को पाकिस्तान की संविधान सभा में दी गई मशहूर स्पीच पर भी सवाल उठाते हुए कहते हैं कि उन्होंने ऐसा सिर्फ एक ही भाषण दिया और सारी जिंदगी नफरत की राजनीति करते रहे. बता दें इस स्पीच के आधार पर कई लोग यह दावा करते हैं कि जिन्ना पाकिस्तान को एक सेक्यूलर देश बनाना चाहते हैं.