China-Taiwan Tension: ताइवान के खिलाफ चीन की आक्रामकता जारी है. दोनों देशों के लिए आने वाले कुछ दिन काफी अहम साबित हो सकते हैं. अमेरिका का सबसे घातक एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन वापस जापान लौट चुका है. चीन को अमेरिका के सातवें बेड़े से सबसे ज्यादा खतरा था. वहीं सोमवार को जापान का प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचने वाला है. ऐसे में चीन भड़का और ताइवान पर हमला किया तो मदद के लिए पहुंचने में अमेरिका को वक्त लग सकता है. 


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चीन की आक्रामकता जारी


स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद ताइवान में टेंशन हाई है. चीन ताइवान को घेर कर ड्रिल कर रहा है, ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है. लेकिन ताइवान की तैयारी और अमेरिका के सातवें बेड़े की ताइवान के पास मौजूदगी जिसकी अगुवाइ बेहद घातक और परमाणु शक्ति से लैस यूएसएस रोनाल्ड रीगन करता है की वजह से हमले की हिम्मत नहीं कर पाया. लेकिन अब ताइवान से जो खबर आ रही है वो इस इलाके में बड़ा धमाका कर सकती है.


पब्लिक अफेयर ऑफिसर ने दी जानकारी


अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन के लगभग 60 विमानों में से ज्यादातर यामागुची प्रान्त में मरीन एयर कॉर्प्स इवाकुनी एयर विंग में लौट आए. यानी अमेरिका की तलवार म्यान के अंदर है. इस बात की जानकारी खुद अमेरिका के कैरियर ग्रुप 5 के पब्लिक अफेयर ऑफिसर ने दी है. कैरियर ग्रुप 5 की पब्लिक अफेयर ऑफिसर लेफ्टिनेंट कमांडर जो केली का कहना है कि हम बंदरगाह में रहते हुए, रोनाल्ड रीगन रखरखाव का संचालन करेंगे और अमेरिकी नौसेना के एकमात्र फॉरवर्ड-तैनात विमान वाहक के रूप में अपनी भूमिका में किसी भी सौंपे गए कार्य का जवाब देने के लिए तैयार रहेंगे.


ताइवान में बढ़ सकती है टेंशन


रोनाल्ड रीगन की वापसी का मतलब ये भी हो सकता है कि अमेरिका समझ गया है चीन अभी ताइवान पर हमले की स्थिति में नहीं है और ड्रिल करके अपनी जनता को खुश करना चाहता है. लेकिन अगर ये समीकरण सही नहीं बैठा तो टेंशन बढ़ सकती है.


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