China: चीन को पाकिस्तान पर नहीं है भरोसा, बलूचिस्तान में बनाना चाहता है सैन्य चौकियां, ये है बड़ी वजह
CPEC: पाकिस्तान और चीन की दोस्ती में मिठास कुछ कम होती दिख रही है. हाल ही में चीन ने पाकिस्तान के एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल के सामने प्रस्ताव रखा कि वह बलूचिस्तान में सैन्य कैंप बनाना चाहता है. चीन का कहना है कि इसका मकसद सीपीईसी और अपने नागरिकों की सुरक्षा है.
China and Pakistan Relation: पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर होते हमलों के बाद से चीन लगातार पाकिस्तान को आपत्ति दर्ज करा रहा है और एक्शन की मांग कर रहा है. इस बीच खबर है कि चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि वह बलूचिस्तान में सैन्य चौकियां बनाना चाहता है. यह चौकियां चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के प्रोजेक्ट्स और चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए होंगी. हाल ही में पाकिस्तानी सेना के शीर्ष नेतृत्व के चीन दौरे के दौरान बीजिंग ने यह मांग पाक प्रतिनिधिमंडल के सामने रखी.
चीनी लोगों पर हो रहे हमलों पर जताई आपत्ति
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक में सीपीईसी और पाकिस्तान में उनके कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर आपत्ति जताई. बता दें कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर बार-बार हमले की खबरों के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने हाल ही में केंद्रीय पुलिस कार्यालय (सीपीओ) में आवश्यक कर्मचारियों और रसद के साथ एक विदेशी सुरक्षा सेल स्थापित करने का फैसला किया था.
12 जून को हुई थी शीर्ष बैठक
बता दें कि पाकिस्तान के एक वरिष्ठ स्तर के त्रि-सेवा सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने 9 से 12 जून 2022 तक चीन का दौरा किया था. इस प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना और अन्य सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की थी. शीर्ष बैठक 12 जून को हुई थी जिसमें पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा ने किया था जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष जनरल झांग यूक्सिया ने किया था. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में झांग यूक्सिया ने बलूचिस्तान में सैन्य चौकियां स्थापित करने की बात रखी, खासकर ग्वादर में. बताया जा रहा है कि इस पर विचार करने के लिए पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व ने कुछ समय मांगा है.
बलूच विद्रोहियों के निशाने पर है सीपीईसी
मालूम हो कि बलूच विद्रोही सीपीईसी परियोजनाओं और चीनी कर्मियों पर लगातार हमला करते रहे हैं. इसके पीछे की वजह ये है कि बलूच विद्रोही चीन को एक साम्राज्यवादी शक्ति मानते हैं. उन्हें लगता है कि पाकिस्तान सरकार के साथ-साथ चीनी सरकार भी बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को छीनने की कोशिश कर रही है.