Pakistan News: पिछले महीने 9 मई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हुई हिंसा और तोड़फोड़ से जहां पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गए थे वहीं पर पाकिस्तान की सियासत में पाकिस्तानी सेना की भूमिका पर दुनिया भर में सवाल भी उठे हैं. ऐसे में एक तरफ जहां पाकिस्तान की सरकार लोगों की नाराजगी को दबाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है वहीं पर अब इमरान खान की गिरफ्तारी के फैसले को जायज ठहराने के लिए दुनियाभर में स्थित पाकिस्तान के दूतावास और हाई कमीशन को काम पर लगा दिया गया है.


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ज़ी मीडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद में स्थित पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के दफ्तर में 31 मई को एक बड़ी बैठक की गई है. पाकिस्तानी सेना, ISI और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों समेत दुनियाभर में तैनात उनके डिप्लोमेट के साथ हुई इस मीटिंग में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार भी मौजूद थी.


सूत्रों के मुताबिक इस बैठक का मकसद इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद  दुनियाभर में पाकिस्तान की सेना की भूमिका पर उठ रहे सवालों को किस तरह से काउंटर किया जाए उसे लेकर खास  रणनीति बनाई गई है. जानकारी के मुताबिक जो पाकिस्तानी राजदूत बैठक में शामिल नहीं हो पाए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल होने को कहा गया था.


इमरान खान के समर्थकों ने गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में सेना के बेस पर हमला बोल दिया था जिसकी वजह से सेना के कई कोर कमांडर्स को जान बचा कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा था. पाकिस्तान में सेना के खिलाफ फैली नाराज़गी को दबाने के लिए अब पाकिस्तान सरकार की तरफ से एक नया प्रोपेगेंडा शुरु किया गया है.


ज़ी मीडिया के पास मौजूद एक्सलूसिव डाक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान सरकार ने एक फरमान जारी कर सबसे अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो सोशल मीडिया पर पाकिस्तीनी सेना और पाकिस्तान सरकार की तारीफ वाले संदेशों को वायरल करे.


पाकिस्तान के पंजाब सरकार की तरफ से जारी एक ऐसे ही आदेश में कहा गया है कि सभी अधिकारी सोशल मीडिया पर Love Pakistan , Pakistan Zindabad Beautiful Pakistan, Pak Dharti Brave People से जुड़े आईडी बनाए.  2 जून तक सभी को इस टास्क को पूरा करने के साथ-साथ नए आईडी की जानकारी सरकार से साझा करने को कहा गया है.


जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार की इस कवायद के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि पाकिस्तान में आम लोगों की सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गुस्से को दबाया जा सके. पाकिस्तान सरकार के लिए काम करने वाले सभी अधिकारियों को पाकिस्तानी सेना और सरकार की तारीफ वाले संदेशों को उनके नए एकाउंट के जरिए वायरल किया जाएगा. अब इन सभी आईडी के जरिए सोशल मीडिया पर सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर प्रोपेगेंडा फैलाने की तैयारी की जा रही है.


पाकिस्तानी सरकार आम लोगों की नाराज़गी से इस कदर डरी हुई है कि उसने पूरे पाकिस्तान में काम कर रहे अधिकारियों को सोशल मीडिया से जुड़े फैसले को तुरंत अमल करने को कहा है. इस साल 9 मई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधामनमंत्री इमरान खान जब दोपहर 3 बजे के करीब इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंचने वाले थे तो उसी समय पाकिस्तानी रेंजर्स के जरिए उन्हें गिरफ्तार कर रावलपिंडी के आर्मी हेडक्वार्टर में लाया गया था. गिरफ्तारी के बाद से ही इस्लामाबाद से लेकर लाहौर तक हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे और उसे नियंत्रित करने के लिए सेना और पुलिस की तैनाती करनी पड़ी थी.


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