Pakistan: मौलाना तारिक जमील कुछ धार्मिक विद्वानों के साथ शनिवार को करतारपुर साहिब पहुंचे थे. वहां उन्होंने गुरुद्वारा दरबार साहिब के मुख्य ग्रंथी सरदार गोबिंद सिंह, पंजाब में विधायक सरदार रमेश सिंह अरोड़ समेत कई लोगों से मुलाकात की थी. इसी बात को लेकर कट्टरपंथी उन्हें घेर रहे हैं.
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Maulana Tariq Jameel Controversy: पाकिस्तान के महशूर मौलाना तारिक जमील एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हालांकि इस बार की सुर्खी उन्हें भारी पड़ रही है औऱ वह कट्टर पाकिस्तानियों और तालिबानियों के निशाने पर आ गए हैं. ये लोग इनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं और इन्हें भला-बुरा कह रहे हैं. दरअसल, इस विवाद की शुरुआत मौलाना के करतारपुर कॉरिडोर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने के बाद हुई.
क्या है मामला
मौलाना तारिक जमील कुछ धार्मिक विद्वानों के साथ शनिवार को करतारपुर साहिब पहुंचे थे. वहां उन्होंने गुरुद्वारा दरबार साहिब के मुख्य ग्रंथी सरदार गोबिंद सिंह, पंजाब में विधायक सरदार रमेश सिंह अरोड़ समेत कई लोगों से मुलाकात की थी. यही नहीं, करतारपुर पहुंचने के बाद मौलाना तारिक जमील ने कहा कि बाबा गुरु नानक इंसानियत और भाईचारे के समर्थक थे. वहां मौलाना को सरोपा और कृपाण भी भेंट की गई थी. कार्यक्रम के दौरान मौलाना तारिक जमील ने कहा कि करतारपुर शांति का कॉरिडोर है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लोग पूरी धार्मिक आजादी से रह रहे हैं.
I visited Kartarpur Corridor,
where I met the local and foreign pilgrims and was presented with presents by the management. pic.twitter.com/1iaIVb09Jv— Tariq Jamil (@TariqJamilOFCL) September 25, 2022
ट्विटर से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद इतना नहीं बढ़ता, अगर यह दौरे तक ही सीमित रह जाता. दौरे के बाद मौलाना तारिक ने इस यात्रा की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कर दीं. यहीं से कट्टरपंथियों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया. लोगों ने उन पर कई तरह की टिप्पणियां कीं. इनमें कुछ पाकिस्तानी थे तो कुछ तालिबानी भी.
Data darbar jana shirak hy or kirtar pur jana sawab https://t.co/pMfxNJN3xG
— Malik Awais Yaseen (@Malikawais_1234) September 25, 2022
इस तरह के मिल रहे कमेंट
तारिक जमील पर लोग तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, सूफियों की दरगाह पर जाना भी तारिक जमील गलत बताते हैं, लेकिन अब खुद गुरु नानक की कब्र पर करतारपुर पहुंचे हैं जो नास्तिकों में से एक हैं. क्या यह शिर्क नहीं है. एक अन्य यूजर ने ट्विटर पर लिखा, दाता दरबार (पाकिस्तान की मशहूर दरगाह ) जाना शिर्क है और करतारपुर कॉरिडोर जाना सवाब हो गया है.
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