Pakistan Economy: IMF के आगे झोली फैलाकर भी कुछ नहीं मिला, चरमराती इकोनॉमी पर अब PAK ने उठाया ये कदम
Inflation in Pakistan: पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा कि एसआईएफसी को पाकिस्तान के चीन, संयुक्त राष्ट्र और पश्चिम एशियाई देशों से संबंधों के बारे जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के देशों ने निवेश परिषद में दिलचस्पी जताई है.
Pakistan News: खाली पड़े खजाने और चरमराती अर्थव्यवस्था ने पाकिस्तान और वहां की जनता का जीना मुहाल किया हुआ है. महंगाई सातवें आसमान पर है और खाने-पीने, ईंधन इतने महंगे हो गए हैं कि आम जनता की कमर टूट गई है. पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी राहत नहीं मिल पा रही है.
पेश की नई वीजा नीति
इस बीच अब पाकिस्तान इकोनॉमी को फिर से खड़ा करने के लिए नई योजना लेकर आया है. पाकिस्तान ने दुनियाभर के निवेशकों को लुभाने के लिए नई वीजा नीति पेश की है. सिविल-मिलिट्री हाइब्रिड संस्था स्पेशल इन्वेस्टमेंट निवेश फैसिलिटी काउंसिल (एसआईएफसी) के तहत दो दिन की बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह फैसला लिया गया. देश की आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए पूर्ववर्ती शहबाज शरीफ सरकार ने SIFC का गठन किया था.
कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने एसआईएफसी की पांचवीं शीर्ष समिति की बैठक की अगुआई की थी. उन्होंने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि जो विदेशी उद्योगपति पाकिस्तान में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए आसान वीजा सिस्टम को मंजूरी दी गई है. इसके तहत उद्योगपतियों के लिए उनके देश या अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों से एकल दस्तावेज के आधार पर आसान वीजा जारी किया जाएगा.
क्या बोले पाक के कार्यवाहक पीएम
बयान में काकर के हवाले से कहा गया, 'अगर पाकिस्तान की ट्रेड डिविजन या बिजनेस ऑर्गनाइजेशन किसी विदेशी व्यापारी को कोई दस्तावेज़ जारी करते हैं, तो उन्हें भी आसान वीज़ा जारी किया जाएगा.' उन्होंने उम्मीद जताई कि वीजा के नए नियमों के तहत पाकिस्तान कारोबार और अर्थव्यवस्था के नए चरण में एंट्री करेगा.
बाद में कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा कि एसआईएफसी को पाकिस्तान के चीन, संयुक्त राष्ट्र और पश्चिम एशियाई देशों से संबंधों के बारे जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के देशों ने निवेश परिषद में दिलचस्पी जताई है. सीसीसी में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं.