PM Modi visit Jammu: PM मोदी के कश्मीर दौरे पर PAK को लगी मिर्ची, झल्लाहट में कह दी ये बात
PM Modi visit Jammu: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू दौरे पर गए थे. इस दौरान उन्होंने 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजाओं की शुरुआत की. पीएम मोदी के जम्मू दौरे पर पाकिस्तान ने आपत्ति दर्ज कराई है.
Pakistan Reaction on PM Modi Jammu Visit: पाकिस्तान (Pakistan) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की कश्मीर यात्रा और चिनाब नदी पर रतले और क्वार पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए आधारशिला रखने पर आपत्ति जताई है. उसका दावा है कि ये सिंधु जल संधि का उल्लंघन था.
जम्मू दौरे पर गए थे पीएम मोदी
अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार को जम्मू-कश्मीर गए थे. इस दौरान उन्होंने 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की थी.
कई परियोजनाओं की शुरुआत की
जम्मू दौरे के दौरान पीएम मोदी ने रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी. किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की परियोजना और उसी नदी पर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना का निर्माण किया जाएगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी की कश्मीर यात्रा को घाटी में नकली सामान्य स्थिति दिखाने की एक और चाल करार दिया. विदेश कार्यालय ने रविवार रात एक बयान में कहा, 'पांच अगस्त 2019 के बाद से, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत द्वारा कश्मीर में वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के कई हताश प्रयासों को देखा है.'
भारत की परियोजनाओं से हो पाक को हो रही दिक्कत
पाकिस्तान ने कश्मीर में चिनाब नदी पर रतेल और क्वार पनबिजली परियोजनाओं (एचईपी) के निर्माण के लिए आधारशिला रखने की भी आलोचना की. विदेश कार्यालय ने कहा, 'भारत द्वारा डिजाइन रतेल पनबिजली प्रोजेक्ट के निर्माण पर पाकिस्तान को आपत्ति रही है, और क्वार पनबिजली संयंत्र के लिए भारत ने अब तक पाकिस्तान के साथ जानकारी शेयर करने के अपने संधि दायित्व को पूरा नहीं किया है.'
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पाक विदेश कार्यालय ने कहा, 'पाकिस्तान भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दो परियोजनाओं की आधारशिला रखने को 1960 की सिंधु जल संधि (IWT) के सीधे उल्लंघन के रूप में देखता है.' पाकिस्तान ने भारत से IWT के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और आईडब्ल्यूटी ढांचे के लिए हानिकारक कोई भी कदम उठाने से परहेज करने का आह्वान किया.
साल1960 में बनी सिंधु जल संधि
वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में 1960 की सिंधु जल संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. यह संधि दोनों देशों में बहने वाली सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के इस्तेमाल से संबंधित है.
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