China Taiwan Crisis: चीनी घुसपैठ को ताइवान का करारा जवाब, 29 विमानों को अपने जेट से खदेड़ा
China: चीन और ताइवान के बीच संकट और गहराता जा रहा है और युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को चीन के 29 विमानों ने ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र में फिर घुसपैठ की. हालांकि ताइवान ने अपने विमान से इन्हें खदेड़ दिया.
China Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को ताइवान ने उसके हवाई रक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने वाले 29 चीनी विमानों को अपने जेट विमानों के जरिये चेतावनी देते हुए खदेड़ दिया, इन 29 चीनी विमानों में बमवर्षक भी शामिल थे जो द्वीप के दक्षिण में और प्रशांत क्षेत्र में उड़े थे. इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है. यह मई के बाद चीन द्वारा ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ी घुसपैठ है.
चीनी बेड़े में थे कई खतरनाक विमान
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि, नवीनतम चीनी मिशन के तहत 29 विमानों ने घुसपैठ की कोशिश की. इसमें 17 लड़ाकू विमान और 6 एच-6 बमवर्षक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध वाला विमान, पनडुब्बी रोधी और एक हवाई ईंधन भरने वाला विमान शामिल था. मंत्रालय ने बताया कि, ताइवान ने चीनी विमानों को चेतावनी देने के लिए लड़ाकू विमान भेजे, जबकि मिसाइल प्रणालियों को उनके मार्ग की निगरानी के लिए तैनात किया गया था.
जनवरी में हुई थी सबसे बड़ी घुसपैठ
बता दें कि ताइवान एक स्व-शासित द्वीप है, जिस पर चीन अपना दावा करता है. ताइवान अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र या ADIZ के दक्षिण-पश्चिमी भाग में चीनी वायु सेना द्वारा बार-बार घुसपैठ की शिकायत कर रहा है. ताइवान रक्षा मंत्रालय द्वारा मुहैया कराए गए मैप के मुताबिक, कुछ चीनी विमानों ने प्रातास के उत्तर-पूर्व में एक क्षेत्र में उड़ान भरी थी. ताइवान का कहना है कि चीन ने इससे पहले 30 मई को भी अपने विमानों के जरिये एडीआईजेड में प्रवेश किया था. वहीं, इस साल चीन की तरफ से सबसे बड़ी घुसपैठ जनवरी में की गई थी, तब ताइवान की सीमा में 39 विमान घुसे थे. हालांकि ताइवान के ताजा आरोपों पर चीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
इस तरह बढ़ रहा दोनों के बीच तनाव
चीन ने शुक्रवार को अपना तीसरा विमानवाहक पोत फ़ुज़ियान लॉन्च किया था. इसका नाम ताइवान के सामने वाले प्रांत के नाम पर रखा गया है. यही नहीं चीन की सेना ने पिछले महीने ताइवान के आसपास अभ्यास किया और कहा कि, यह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ लोकतांत्रिक रूप से संचालित द्वीप की मिलीभगत के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है. यह अभ्यास तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ताइवान को लेकर यह कहा था कि, अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका सैन्य रूप से इस युद्ध में शामिल हो जाएगा.