पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के नियमों में खामियों का फायदा उठाते हुए आतंकी जकीउर रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi) के साथ ही परमाणु इंजीनियर महमूद सुल्तान बशीरुद्दीन के लिए बुनियादी खर्चे की छूट प्राप्त कर ली है.
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जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi) और पाकिस्तानी परमाणु इंजीनियर महमूद सुल्तान बशीरुद्दीन (Mahmood Sultan Bashiruddin) के लिए ‘बुनियादी खर्च’ की इमरान खान (Imran Khan) सरकार की अपील को मंजूर कर लिया है. 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में लखवी ने अहम भूमिका निभाई थी, जबकि पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा आयोग के लिए काम करने वाला बशीरुद्दीन अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन से मुलाकात के बाद जांच के घेरे में आया था.
Pakistan ने दिया नियम का हवाला
संयुक्त राष्ट्र जकीउर रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi) और महमूद सुल्तान बशीरुद्दीन दोनों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डाल चुका है. इसके बावजूद ‘बुनियादी खर्च’ प्रदान करने के लिए पाकिस्तान की अपील को स्वीकार करना चौंकाने वाला है. हालांकि, इमरान खान (Imran Khan) सरकार का कहना है कि यह छूट UNSC 1267 प्रतिबंध समिति की स्थापित प्रक्रियाओं और प्रथाओं के अनुरूप ही मिली है. मालूम हो कि पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार ने सुल्तान को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाजा था.
क्या पहले ऐसा हुआ है?
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है. इससे पहले पाकिस्तान हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के लिए बुनियादी खर्चे की छूट के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद गया था. 26/11 के मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार सईद पर अमेरिका द्वारा $10 मिलियन का इनाम भी रखा गया है.
क्या है बुनियादी खर्च?
सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुसार, बुनियादी खर्चों के लिए कुछ छूट दी जा सकती हैं. इनमें खाना, किराया, दवा और चिकित्सा उपचार, टैक्स, बीमा प्रीमियम, और पब्लिक यूटिलिटी शुल्क के भुगतान, या विशेष रूप से उचित पेशेवर शुल्क और कानूनी सेवाओं के प्रावधान से जुड़े खर्चे शामिल हैं. 1267 प्रतिबंधों में 3 प्रभाव शामिल हैं - एसेट्स फ्रीज, ट्रैवल बैन और आर्म्स इमार्गो.
क्या होती है प्रक्रिया?
प्रक्रिया के अनुसार, बुनियादी खर्चों की छूट के लिए 1267 UNCS समिति के समक्ष अनुरोध करना होता है. यदि सभी 15 सदस्य अनुरोध के तीन दिनों के भीतर कोई आपत्ति नहीं जताते, तो अनुरोध को स्वीकार कर लिया जाता है. लखवी के मामले में, इमरान खान सरकार ने अनुरोध किया था. प्रावधान के मुताबिक, अनुरोध उसी स्थिति में खारिज किया जा सकता है, जब सभी 15 सदस्य उस पर आपत्ति जताते हैं.
किसी ने क्यों नहीं जताई आपत्ति?
यूएनएससी समिति के सदस्य आमतौर पर बुनियादी खर्च से जुड़े अनुरोधों को अस्वीकार नहीं करते. ऐसा केवल तभी किया जाता है जब ये स्पष्ट तौर पर ज्ञात हो कि उसका दुरुपयोग हो सकता है. इस तरह के अनुरोधों को मानव अधिकार के दृष्टिकोण से देखा जाता है.
क्या इतनी राशि की जरूरत है?
जकीउर रहमान लखवी को हर महीने 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपए देने की अनुमति मिल गई है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या बुनियादी खर्चों के लिए इतनी भारी-भरकम राशि की जरूरत है? पाकिस्तान के 150,000 रुपयों को यदि कॉस्ट ऑफ लिविंग के हिसाब से देखें तो यह राशि न्यूयॉर्क में प्रति माह लगभग $6,500 और भारत में 70,000 रुपए के बराबर है.
पाकिस्तान को क्या है फायदा?
पाकिस्तान जैसे देश संयुक्त राष्ट्र के नियमों की खामियों का फायदा उठाकर अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं. तकनीकी रूप से और प्रक्रियात्मक रूप से पाकिस्तान ने अपने अधिकारों के तहत ही अनुरोध किया है, लेकिन ऐसा करके वो अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी संगठन को फायदा पहुंचाएगा. समझने वाली बात यह है कि पाकिस्तान खुद लश्कर को भुगतान नहीं कर रहा, बल्कि उसने संयुक्त राष्ट्र के नियमों की खामियों का फायदा उठाकर लश्कर को अपने फ्रीज हो चुके बैंक खातों से धन निकालने की अनुमति प्रदान करवा दी है.