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शराब पी तो जल्लाद ने सबके सामने मारे कोड़े ही कोड़े, इस देश में आज भी सख्त शरिया कानून

Indonesia Sharia Law: इंडोनेशिया के एक अखबार के मुताबिक, शराब पीने के जुर्म में चार लोगों को कोड़े मारे गए हैं. शराब पीना सुमात्रा द्वीप के आचे प्रांत में सख्त शरिया कानून के तहत मनाही है.  खबरों के मुताबिक मोहम्मद फैस अकबर, औलिया शहपुत्र, युस्दी और चुकरी रमजान को 19 से 42 कोड़े मारे गए. तस्वीरों में दिख रहा है कि एक अनाम जल्लाद बेंत से उन्हें मार रहा है. यह जल्लाद अक्सर भूरे रंग के कपड़े पहनता है.

 

सजा में मारे कोड़े

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सजा में मारे कोड़े

तस्वीर में देखा जा सकता है कि उनमें से दो लोगों ने सफेद कुर्ता पहना हुआ था, जबकि बाकी लोगों ने लाल रंग की शर्ट पहनी थीं, जिन पर जिला अटॉर्नी दफ्तर का नाम लिखा हुआ था. उन्हें कमरे के बीच में ले जाया गया और सजा मिलने से पहले उन्हें अपना सिर झुकाने के लिए कहा गया.

 

10 कोड़े में ही हालत खराब

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10 कोड़े में ही हालत खराब

एक आदमी को सिर्फ 10 कोड़े मारे जाने के बाद बहुत दर्द हुआ और वो कराह उठा, तो उस वक्त सजा रोक दी गई थी. डॉक्टरों ने उसकी हालत देखी और उसे पीने के लिए कुछ दिया, फिर सजा आगे बढ़ाई गई. "मेल ऑनलाइन" के मुताबिक, आचे जिला सरकारी वकील कार्यालय के प्रमुख ने सजा की पुष्टि की. उन्होंने कहा: "आज, शराब पीने के जुर्म में दोषी पाए गए चार लोगों को कोड़े मारने की सजा पूरी कर ली गई है." 

 

आचे में लागू है शरिया कानून

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आचे में लागू है शरिया कानून

आचे इंडोनेशिया का इकलौता ऐसा प्रांत है जहां 2001 में उसे मिले विशेष अधिकारों और 2015 में जकार्ता के साथ हुए शांति समझौते के बाद शरिया कानून लागू किया गया. ये सख्त कानून जुआ खेलना, शराब पीना, बिना शादी के शारीरिक संबंध बनाने और समलैंगिक संबंधों को जुर्म मानते हैं. यहां रहने वाले गैर-मुस्लिमों पर भी ये कानून लागू होते हैं. 

 

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

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पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

इस हफ्ते के शुरुआत में पता चला कि आचे में दो आदमियों को कोड़े मारे जा सकते हैं जिन्होंने आपस में संबंध बनाने की बात मानी है. अगर ये दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 100 कोड़े मारे जा सकते हैं.

 

कौन कर रहा विरोध?

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कौन कर रहा विरोध?

दरअसल, कुछ लोगों ने एक गेस्ट हाउस में छापा मारा था और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी का मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया है जो लगातार इस भेदभावपूर्ण सजा का विरोध करते आ रहे हैं. अमनेस्टी इंटरनेशनल नाम का एक संगठन इस प्रांत से समलैंगिक लोगों को कोड़े मारने की सजा खत्म करने की मांग कर रहा है. 

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