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Chandrayaan-3 की सफलता के पीछे है इस महिला का हाथ, लोग इन्हें कहते हैं 'रॉकेट वुमन'

Chandrayaan 3 Success Story: 'इसरो' ने चंद्रयान-3 को चांद पर पहुंचाकर देश का नाम गौरव किया है.  इसरो ने 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था और 41 दिन के बाद विक्रम लैंडर चांद पर पहुंच गया. इसका उद्देश्य चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) का पता लगाना और उसके बारे में जानना है. इस मिशन का नेतृत्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव ने भी किया.

 

भारत की रॉकेट वुमन कहलाती हैं डॉ. रितु

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भारत की रॉकेट वुमन कहलाती हैं डॉ. रितु

भारत की "रॉकेट वुमन" के रूप में लोकप्रिय डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव यूपी की लखनऊ से हैं. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री हासिल की. बाद में, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमई की उपाधि प्राप्त की.

 

कब इसरो में हुईं शामिल?

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कब इसरो में हुईं शामिल?

डॉ. रितु करिधल 1997 में इसरो में शामिल हुईं. वह चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर और मंगलयान के उप संचालन निदेशक थीं. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 20 से अधिक जर्नल्स प्रकाशित किए हैं. उनके पास इसरो और नासा के पेपर कटिंग का संग्रह है. डॉ. रितु करिधल की हमेशा से अंतरिक्ष में रुचि रही है और उनका लक्ष्य कुछ अनोखा करने का रहा है.

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी दे चुके हैं सम्मान

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पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी दे चुके हैं सम्मान

इसके अलावा, उन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा 'इसरो यंग साइंटिस्ट अवार्ड' से सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही, सोसायटी ऑफ इंडियन एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज एंड इंडस्ट्रीज (SIATI) द्वारा 'इसरो टीम अवार्ड फॉर एमओएम (2015)', 'एएसआई टीम अवार्ड', 'वीमेन अचीवर्स इन एयरोस्पेस' (2017) जैसे कई पुरस्कार भी अपने नाम किए हैं.

लोगों ने दी कुछ ऐसी प्रतिक्रिया

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लोगों ने दी कुछ ऐसी प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर मासूम मिनावाला ने भी एक रील बनाते हुए उन्हें ट्रिब्यूट किया है. उन्होंने कैप्शन में लिखा, "जब दुनिया Chandrayaan-3 के लिए जश्न मना रही है, आइए एक पल के लिए 'भारत की रॉकेट वुमन' को भी सम्मान देते हैं, जो इस मिशन का हिस्सा रहीं.  उनका नेतृत्व लड़कियों की पीढ़ियों को सितारों तक पहुंचने और चांद पर उतरने की आकांक्षा देगा. यह महत्वपूर्ण पल जो 1.4 अरब दिलों की भावना का प्रतीक है, हम डॉ. रितु करिधल जैसे दूरदर्शी लोगों सहित कई लोगों को हार्दिक धन्यवाद देते हैं."

इनकी खूब हो चुकी है वाहवाही

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इनकी खूब हो चुकी है वाहवाही

डॉ. रितु श्रीवास्तव उर्फ 'रॉकेट लेडी' को इसरो और भारत के लिए एक अविश्वसनीय संपत्ति के रूप में सराहा गया है. चांद पर चंद्रयान-3 मिशन के रूप में उनकी अभूतपूर्व उपलब्धि ने नेटिजन्स से अपार प्रशंसा प्राप्त की है.

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