"भगवान के गुस्से में बनाई गई जमीन" कहे जाने वाले इस भयानक समुद्र तट कब्रिस्तान में जंग खाए जहाज़ों के अवशेष बिखरे हुए हैं.
नामीबिया के कंकाल तट पर जहां तपता हुआ रेगिस्तान है, वहां एक हिरन का डरावना सा कंकाल पड़ा हुआ है.
हजारों जहाजों के मलबे नामीबिया के कंकाल तट के रेतीले समुद्र तटों पर बिखरे हुए हैं.
इस इलाके का पास वाला समुद्र अपने उबड़-खाबड़ पानी के लिए जाना जाता है, जो जहाजों को तहस-नहस कर देता है और फिर वे जहाज हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं.
स्थानीय लोग इस इलाके को "दुनिया का अंत" कहते हैं और इस रेगिस्तान की रेत पर जाने से भी मना करते हैं जिसे वो अभागा मानते हैं.
जब समुद्र का जल स्तर कम होता है, तो किनारे पर हजारों की तादाद में टूटे हुए जहाज, हवाई जहाज के मलबे और बाहर निकली हुई हड्डियां दिखाई देती हैं.
यहां तक कि 1904 से भी पुराने जहाजों के अवशेष भी पाए जाते हैं, जिनमें सैकड़ों यात्री सवार थे. ये सभी जहाज अब कंकाल तट पर ही हमेशा के लिए सो गए हैं.
किनारे पर बहकर आने वाले नाविकों के लिए वापसी का रास्ता सैकड़ों मील तक फैले घने दलदल से होकर जाता था.
जिस रास्ते से गुजरते हुए कई लोग तपते रेगिस्तान की गर्मी और खतरों का सामना करते हुए मौत के मुंह में जा पड़े.
यहां शेरों के झुंड से लेकर विशाल हाथियों के मृत शरीरों को भी देखा गया है, जो आम तौर पर इस रेगिस्तान को अपना घर कहते हैं.
लगातार आने वाले धूल भरे तूफान और घने कोहरे ने इसे रहने के लायक भी नहीं छोड़ा. यहां रोजाना एक भयानक और प्रलय के दिन जैसा एहसास देता है.
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