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नीचे एक साथ दौड़ेंगी 4 ट्रेनें, ऊपर फर्राटे से भागेगी ट्रक और कार... गंगा पर बनेगा रेलवे का भीमकाय पुल, जानिए खर्चा-पानी से लेकर फायदे तक सबकुछ

 Rail Road Bridge: वाराणसी में गंगा नदी पर सबसे बड़ा पुल बनने जा रहा है. ये पुल अपने आप में खास होगा, क्योंकि नीचे 4 रेलवे ट्रैक और ऊपर 6 लेन की सड़क होगी. काशी में गंगा नदी पर बनने वाले खास रेलवे ब्रिज को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.  

रेलवे बनाने जा रहा है सबसे बड़ा पुल

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   रेलवे बनाने जा रहा है सबसे बड़ा पुल

India Biggest Rail Road Bridge: भारतीय रेलवे एक भीमकाय पुल बनाने जा रही है. वाराणसी में गंगा नदी पर सबसे बड़ा पुल बनने जा रहा है. ये पुल अपने आप में खास होगा, क्योंकि नीचे 4 रेलवे ट्रैक और ऊपर 6 लेन की सड़क होगी. काशी में गंगा नदी पर बनने वाले खास रेलवे ब्रिज को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. भारतीय रेलवे आस्था नगरी बनारस में देश का सबसे बड़ा रेल-रोड ब्रिज बनने जा रहा है. केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. गंगा नदी पर बनने वाला  यह पुल अपने आप में कई खूबियों से लैस होगा. यह रेल-रोड ब्रिज बनारस को पंडित दीन दयाल उपाध्याय से जोड़ने का काम करेगा. रेलवे द्वारा बनाए जाने वाले इस रेल-रोड ब्रिज पर एक साथ ट्रेन और गाड़ियां दौड़ेगी.

 

एक साथ दौड़ेगी ट्रेन और कार

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 एक साथ दौड़ेगी ट्रेन और कार

 

गंगा पर बनने वाला ये पुल  वाराणसी-पं.दीन दयाल उपाध्याय को आपस में कनेक्ट करेगा. ये ब्रिज 137 साल से मौजूद मालवीय ब्रिज के बगल में तैयार किया जाएगा. देश के सबसे बड़े मल्टी ट्रैकिंग ब्रिज की उम्र 150 साल की होगी. इस ब्रिज में नीचे 4 रेलवे ट्रैक होंगे तो उसके ऊपर 6 लेन की सड़क होगी, जिसपर कार-बस-ट्रक दौड़ेगी.   

कितना आएगा खर्च

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 कितना आएगा खर्च

 

 कैबिनेट बैठक में इस रोड-रेल ब्रिज के प्रोजेक्ट के लिए 2,642 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. ये प्रोजेक्ट 4 साल में पूरा किया जाएगा. कैबिनेट की रिलीज के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की मदद से लाखों लोगों को रोजगार मिल सकेगा.

क्या होगा इस प्रोजेक्ट का फायदा

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 क्या होगा इस प्रोजेक्ट का फायदा

 

 इस प्रोजेक्ट से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस ब्रिज के निर्माण से 10 लाख डायरेक्ट जॉब जेनरेट होंगी. वहीं भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 30 किलोमीटर बढ़ जाएगा. इस ब्रिज के बनने के ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट कम होगी.  वहीं भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी. एक ही ब्रिज पर रेल और गाड़ियां चलने से प्रदूषण कम होगा.  रोड-कम-ट्रेन ब्रिज पर 24 मिलियन टन अतिरिक्त कार्गो आवाजाही कर सकेगा. वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि इस ब्रिज से हर साल 8 करोड़ डीजल सेव  किया जा सकेगा.   

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