India- China Hindi News: भारत अब 1962 वाला देश नहीं रहा, जो चीन के भुलावे में आ जाए. वह सरहद पर शांति चाहता है लेकिन अगर सिर पर जंग आ पड़ी तो वह पलटवार करना भी बखूबी जानता है. भारत लगातार चीन को एक बड़ा संदेश दे रहा है, जिसे वह बखूबी समझ भी रहा है.
भारतीय सेना ने सिक्किम में बर्फ से ढंकी बर्फीली चोटियों पर एंटी टैंक मिसाइलों के साथ प्रैक्टिस की. करीब 17 हजार फुट की ऊंचाई पर हुई इस ड्रिल को सेना की ईस्टर्न कमांड ने अंजाम दिया, जिसमें सेना की तमाम एंटी टैंक- यूनिटों ने भाग लिया. इसमें पहाड़ों और पथरीले रास्तों पर दौड़ने वाली गाड़ियां भी शामिल की गई थीं.
भारत- चीन सरहद के पास हुई इस ड्रिल की थीम 'एक मिसाइल एक टैंक' रखी गई थी. भारतीय सेना ने इस ड्रिल के फोटो और वीडियो भी जारी किया. इसके जरिए संदेश दिया गया कि इतनी खतरनाक ऊंचाई और विषम परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सेना कितनी सहजता से मिशन को अंजाम दे सकती है. सेना के जवानों ने सटीकता के साथ मिसाइल फायर कर सारे लक्ष्य भेद दिए.
इस एंटी टैंक मिसाइल में कंधे से या जमीन से रखकर जागी जाने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया. यह मिसाइल सटीक निशाने के साथ करीब 5 किमी दूरी पर खड़े टैंक को भी बर्बाद कर सकती है. यह चीन के लिए सीधा संदेश था कि अगर उसने पहाड़ों की लड़ाई में टैंक उतारे तो उनका क्या अंजाम होगा. सेना की इस ड्रिल को देखने के लिए ईस्टर्न कमांड के आला अधिकारी मौजूद रहे.
सिक्किम में इतनी ऊंचाई पर एंटी टैंक मिसाइलों के साथ अभ्यास करने से पहले भारतीय वायुसेना ने हाल में ऑपरेशन गगनशक्ति को अंजाम दिया था. इस अभ्यास के तहत वायुसेना के देशभर में बने एयर बेस से लड़ाकू विमानों ने एक साथ उड़ान भरी और सरहदी इलाकों तक पहुंचे. ऐसा करके मैसेज दिया गया कि अगर ड्रैगन ने जंग में एकाध बेस को बर्बाद कर भी दिया तो भारतीय वायुसेना उसके तहस-नहस कर देगी.
रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारत चाणक्य नीति का इस्तेमाल करते हुए चीन को लगातार बड़े संदेश भेज रहा है. वह एक और कह रहा है कि चीन के साथ शांतिपूर्ण संबंध उसकी प्राथमिकता में है लेकिन इसके साथ ही अपनी युद्ध क्षमताओं को दिखाकर यह भी जाहिर कर रहा है कि अगर ड्रैगन ने दुस्साहस किया तो वह उसे बर्बाद करने से भी पीछे नहीं हटेगा.
भारत की यह रणनीति सेना- वायु सेना के रक्षा अभ्यासों और पीएम- विदेश मंत्री के बयानों से भी समझी जा सकती है. अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध अहम हैं और दोनों को अपने मसलों का शांतिपूर्वक तरीकों से हल निकालना चाहिए. वहीं विदेश मंत्री जयशंकर भी कई मौकों पर स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत और चीन के संबंध सामान्य करने के लिए सीमा पर शांति होनी चाहिए.
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