करेले का स्वाद बहुत कड़वा होता है. ज्यादातर लोग करेले की सब्जी पसंद नहीं करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को करेले की सब्जी बहुत पसंद आती है. सभी को लगता है कि सभी चीजों का अपना एक स्वाद होता है. उसी तरह करेले का भी है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि करेला इतना कड़वा क्यों होता है और इतना कड़वा होने पर भी सब्जियों में कैसे शामिल हुआ था? आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं...
करेला ऐसी सब्जी है जो कड़वी होने के बावजूद बहुत खाई जाती. करेला खून को साफ करता है, यह वजन कम करने में सहायक, कमजोरी दूर करने और हड्डियां मजबूत करता है. यह बेल पर लगने वाली एकमात्र ऐसी सब्जी होगी, जिसका मूल स्वाद कड़वा होता है, क्योंकि बेल पर लगने वाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरी, खीरा आदि कड़वी निकलती हैं, तो उन्हें इस्तेमाल नहीं किया दिया जाता है.
करेला सेहत से भरपूर होने के कारण ना पसंद होते हुए भी इसकी सब्जी बनाकर लोग खाते हैं. इसके पीछे वजह इसमें मौजूद सेहत से भरपूर गुणों को बताया जाता है. पेट के लिए करेले को खासतौर से फायदेमंद बताया जाता है. वहीं, करेले खाने के शौकीनों द्वारा ये दलील दी जाती है कि अगर इसे सही तरह से बनाया जाया तो सब्जी बिल्कुल भी कड़वी नहीं लगती है.
करेला कई रंगों और आकार में आता है. मौसम के मुताबिक इसकी आकार और लंबाई बदलती रहती है. बहुत से लोग इसकी सब्जी बनाते समय इसका ऊपरी हिस्सा छिलके की तरह निकाल देते हैं, क्योंकि इसका यही से करेला सबसे ज्यादा कड़वा होता है. कहा जाता है कि करेले का कड़वापन ही हमारी सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है. स्वाद में बेहद कड़वा होने के बाद भी पेट से जुड़े रोगों के उपचार के रूप में करेले का जूस भी पिया जाता है.
जानकारी के मुताबिक भारत में सबसे पहले नहीं पाया गया था.यह अफ्रीका में सबसे पहले खोजा गया था और वहीं से एशिया में आया है. अफ्रीका में गर्मियों में यह कुंग शिकारियों का प्रमुख भोजन हुआ करता था. सबसे पहले इसे उन्हीं के क्षेत्र में देखा गया था. समय के साथ इसके फायदे समझ में आए तो यह लंबी यात्रा करके विदेशों तक पहुंचा.
करेले में एक खास ग्लायकोसाइड मोमोर्टिसिन नामक जहरीला तत्व होता है, जिसके कारण इसका स्वाद कड़वा लगता है. हालांकि, हमारी शरीर को यही तत्व सेहत संबंधी फायदे देता हैं. इससे पेट के पाचन रसों का स्राव सक्रिय होने से डायजेशन ठीक होती है. गैस जैसी परेशानियों से भी निजात मिलती है.
करेले में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर, विटामिन ए, बी1 बी2, सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉसफोरस, जिंक और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये पोषक तत्व पेट के कीड़े और पेट में जमा गैर जरूरी तत्व को निकालने में मददगार है.
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