North Korea Kim Jong Un: नार्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग अपनी धमकियों , सख्ती और बेतुके आदेशों को लेकर चर्चा में रहता है. सनकी किम जोंग के रवैये के चलते नार्थ कोरिया पर 2 हजार से ज्यादा पाबंदियां लगी हुई है. इतनी बंदिशों में जीने के बाद भी ये देश अपनी तानाशाही और सैन्य ताकत के प्रदर्शन का कोई मौका नहीं छोड़ता. अपनी रहस्यमयी जिंदगी और अपने बेतुके फरमानों को लेकर भी यह तानाशाह चर्चा में बना रहता है. अब इस तानाशाह ऐसा ही एक और फरमान जारी कर दिया है.
उत्तर कोरिया में किम जोंग उन ने नार्थ कोरिया के नागरिकों को ऐसा आदेश दिया है, जिसने वहां के लोगों को मुश्किल बढ़ा दी है. दरअसल किम जोंग ने नागरिकों को हर महीने खाद फैक्ट्रियों में 10 किलो सूखा मल जमा कराने का आदेश दिया है. देश के नागरिकों की जिंदगियों को कंट्रोल करने वाले तानाशाह के इस आदेश से लोग परेशान है. खुद को अमीर और परफेक्ट दिखाने वाले नार्थ कोरियो के अंदर की तस्वीर बेहद भयानक है. लोगों को सिर्फ वो तस्वीरें ही दिखाई जाती है, जो किंग जोंग उन्हें दिखाना चाहता है.
तानाशाह के आदेश को न मानना नार्थ कोरिया में अपराध की श्रेणी में आता है. हर महीने 10 किलो सूखा मानव मल जमा नहीं करने पर लोगों को 5,000 वॉन (500 रुपये) का जुर्माना भरना होगा. किम जोंग चाहता है कि उनके देश का हर नागरिक 10 किलो मल इकट्ठा करके नजदीकी खाद फैक्टरी में जमा कराए. हालांकि ये पहली बार नहीं है. इस तरह से आदेश पहले भी आते रहे हैं. लेकिन अब तक ये आदेश सर्दियों के महीनों में दिया जाता है, इस बार किम जोंग ने गर्मी में इसे इकट्ठा करने का आदेश देकर लोगों को परेशान कर दिया है.
उत्तर कोरिया में इस बार गर्मी में मल इकट्ठा करने का आदेश दिया गया है. गर्मी में इस काम के लिए परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन किम जोंग के आदेश की अवहेलना करना आसान नहीं है. दरअसल नार्थ कोरिया भारी खाद संकट से जूझ रहा है. खस्ताहाल इकोनॉमी और प्रतिबंधों को झेल रहा तानाशाह ने मलो के जरिए खाद बनाने के लिए ये आदेश जारी किया है. हर साल सर्दियों में फसल रोपण से पहले ये काम होता था, लेकिन हाल ही में नेता किम जोंग उन ने नई कृषि-प्रथम पहल शुरू की है.
नार्थ कोरियो के एग्रीकल्चर को मजबूती देने के लिए वो खेती को बढ़ावा देना चाहता है. जिस देश का एग्रीकल्चर जितना मजबूत उसकी इकोनॉमी उतनी सबल होती है . चीन, रूस जैसे कुछ देशों के अलावा दुनियाभर के प्रतिबंध झेल रहे नार्थ कोरिया पर अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की चुनौती बनी हुई है. मल जमा नहीं करने की स्थिति में लोगों से टैक्स वसूला जाएगा, जिससे सरकारी खजाना भरने की कोशिश हो रही है.
हथियारों और मिसाइलों पर जोर देने वाले किम जोंग ने देश की अर्थव्यवस्था को कंगाल बना दिया है. दुनियाभर के देशों के प्रतिबंधों के चलते देश पैसों की कमी से जूझ रहा है. तानाशाही रवैये ने खराब अर्थव्यवस्था ने देश की कमर तोड़कर रख दी है. प्रतिबंधों के चलते देश के पास विदेशी मुद्रा नहीं है. गिरती जीडीपी, आयात-निर्यात पर प्रतिबंध ने नार्थ कोरिया को भूखमरी की ओर भेजना शुरू कर दिया है. चीन और रूस जैसे कुछ देशों के रहमोकरम के चलते गाड़ी किसी तरह से खींच रही है. लेकिन देश बेहाली की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में किम जोंग मानव मल से देश की इकोनॉमी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
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