Fennel seeds benefits in hindi: होटल और रेस्टोरेंट में आप जब भी खाना खाते हैं, खाना खत्म करने के बाद बिल के साथ आपके सामने सौंफ की प्लेट भी जरूर आती है. दरअलस, सौंफ को खाना पचाने के लिए जाना जाता है. लेकिन ये तो बस एक फायदा है. ऐसे बहुत से फायदे हैं, जो सौंफ हमें देता है. अगर आप रोजाना सिर्फ एक चम्मच सौंफ खाते हैं तो आपके शरीर को कई लाभ मिलेंगे. आइये जानते हैं:
सौंफ में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छे होते हैं. सौंफ, पेट में गैस्ट्रिक एंजाइम का प्रोडक्शन बढ़ा देता है, जिससे पाचन बेहतर होता है और पेट में ब्लोटिंग, अपच या कॉन्स्टिपेशन जैसी परेशानियां नहीं होतीं.
सौंफ में प्रकृतिक तौर पर मिठास होती है, जो आपको एक रिफ्रेशिंग टेस्ट और खुशबू देता है. अगर आपके मुंह से बदबू आती है, तो सौंफ खाने से मुंह की बदबू की समस्या खत्म हो सकती है. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करता है, जिसकी वजह से सांस से बदबू आती है.
सौंफ के बीज पोटेशियम से भरपूर होते हैं, जो शरीर में एक्स्ट्रा सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को कम करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. नियमित रूप से सौंफ के बीज चबाने से दिल हेल्दी रहता है.
सौंफ में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं. इससे वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है. रोजाना इसे खाने से शरीर की वसा को जलाने और भोजन को अधिक कुशलता से पचाने में मदद मिलती है.
सौंफ में विटामिन सी और क्वेरसेटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं. इससे स्किन अधिक हेल्दी और चमकदार बनती है. इससे झुर्रियों और महीन रेखाओं जैसे उम्र बढ़ने के लक्षण भी कम होते हैं.
सौंफ में मौजूद फाइबर बहुत देर तक आपको पेट भरे होने का एहसास कराता है. इससे आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
सौंफ में सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और खांसी जैसी सांस से जुड़ी दिक्कतों में आराम देते हैं. यह ब्रोन्कियल मांसपेशियों को आराम देकर और बलगम को साफ करके काम करता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है.
सौंफ के बीजों में फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, जो महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस को विनियमित करने में मदद कर सकते हैं. सौंफ चबाने से पीरियड्स में ऐंठन से राहत मिल सकती है. पीएमएस के लक्षण कम हो सकते हैं और पीरियड साइकल को और अधिक नियमित किया जा सकता है.
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