अगर बच्चे बहुत देर तक मोबाइल या कंप्यूटर पर देखते हैं, तो उनकी आंखों की रोशनी कम हो सकती है. कुछ स्टडीज़ के अनुसार, अगर बच्चे बहुत देर तक एक जगह पर देखते हैं, जैसे कि मोबाइल देखते हैं, तो उनकी आंखों का आकार बदल सकता है. अगर बच्चे ज्यादा समय घर के अंदर बिताते हैं और बाहर नहीं जाते हैं, तो उनकी आंखों की रोशनी कम होने का खतरा ज्यादा होता है. बच्चों को धूप में खेलना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी आंखों की रोशनी अच्छी रहती है.
अगर बच्चे बहुत देर तक मोबाइल या कंप्यूटर पर देखते हैं, तो उनका दिमाग धीरे-धीरे विकसित होता है. एक स्टडी में पाया गया कि जो बच्चे दो या तीन साल की उम्र में बहुत देर तक मोबाइल देखते हैं, उनका विकास तीन या पांच साल की उम्र में धीमा होता है. इससे पता चलता है कि अगर बच्चे छोटी उम्र में बहुत देर तक मोबाइल देखते हैं, तो उनकी भाषा और प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी कम हो सकती है.
डॉ. एंड्रयू ह्यूबरमैन ने भी कहा कि बचपन और किशोरावस्था में बच्चों का दिमाग बहुत तेज़ी से विकसित होता है. स्मार्टफोन से बच्चों के दिमाग के विकास में बाधा आ सकती है. इससे बच्चों को ध्यान लगाने में और अपनी भावनाओं को समझने में दिक्कत हो सकती है. जो बच्चे बहुत देर तक स्मार्टफोन देखते हैं, उनका ध्यान बहुत जल्दी भटक जाता है.
डॉ. हैड्ट ने कहा कि स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बुरा हो सकता है. सोशल मीडिया पर बच्चों को बहुत ज्यादा दबाव होता है, खासकर लड़कियों को. सोशल मीडिया से बच्चों को बहुत जल्दी संतुष्टि मिलती है, जिससे उनके व्यवहार में बदलाव आ सकता है और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं हो सकती हैं.
अगर बच्चे बहुत देर तक स्मार्टफोन देखते हैं, तो उनका सोचने की क्षमता कम हो सकती है और उन्हें समस्याएं सुलझाने में दिक्कत हो सकती है.
डॉ. हैड्ट और डॉ. ह्यूबरमैन ने कहा कि स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों को इम्पल्स कंट्रोल करने में भी दिक्कत कर सकता है. उन्हें इंतजार करना मुश्किल हो सकता है और उन्हें अपने व्यवहार को कंट्रोल करने में दिक्कत हो सकती है.
स्मार्टफोन के कारण बच्चे इंटरनेट पर ऐसी चीजें देख सकते हैं जो उनके लिए अच्छी नहीं हैं. डॉ. हैड्ट ने बताया कि कुछ इंटरनेट चैलेंज बच्चों को बहुत डरा सकते हैं और उनके दिमाग पर बुरा असर डाल सकते हैं.
इन जोखिमों से बचने के लिए, माता-पिता को कुछ कदम उठाने चाहिए. बच्चों को जब तक बड़े नहीं हो जाते तब तक स्मार्टफोन नहीं देना चाहिए. बच्चों को 16 साल से कम उम्र में सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम करना चाहिए. बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और घर में ऐसा जगह बनाना चाहिए जहां मोबाइल फोन का इस्तेमाल न किया जाए. इससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा.
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