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टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत पड़ेगा भारी या द. अफ्रीका करेगा वार? जानिए दोनों टीमों की ताकत और कमजोरियां

टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत अब तक सर्वश्रेष्ठ टीम रही है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार उनके सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती नहीं है. दक्षिण अफ्रीका की ICC टूर्नामेंट्स में एकमात्र जीत 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी में हुई थी. टीम ‘चोकर्स’ के अपने तमगे को पीछे छोड़कर फाइनल में पहुंची है. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम जब आज टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसके सामने पिछले 10 साल से अधिक के ICC ट्रॉफी सूखे को खत्म करने की चुनौती होगी.

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रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम जब आज टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसके सामने पिछले 10 साल से अधिक के ICC ट्रॉफी सूखे को खत्म करने की चुनौती होगी. अपने फाइनल तक के अभियान में दोनों टीमें अजेय रही हैं, लेकिन बड़े टूर्नामेंट्स के कई फाइनल मैचों को खेलने के अनुभव के कारण भारत का पलड़ा भारी होगा. दक्षिण अफ्रीका 1998 के बाद पहली बार ICC के किसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है. टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत का अभियान  पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बराबर ही रहा है, जहां वे फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने उनसे बेहतर प्रदर्शन किया था.

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टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत अब तक सर्वश्रेष्ठ टीम रही है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार उनके सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती नहीं है. दक्षिण अफ्रीका की ICC टूर्नामेंट्स में एकमात्र जीत 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी में हुई थी. टीम ‘चोकर्स’ के अपने तमगे को पीछे छोड़कर फाइनल में पहुंची है और वे खिताबी मुकाबले में भी इस तमगे को धत्ता बताने की कोशिश करेंगे. आईपीएल खिताब को अपनी अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि बताने वाले उनके कुछ खिलाड़ियों के लिए वर्ल्ड कप ट्रॉफी सबसे बड़ा पुरस्कार होगा.

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गयाना में सेमीफाइनल में भारत की इंग्लैंड पर जीत के बाद बाद फैंस और विशेषज्ञों की भावनाओं को देखा जाए तो रोहित शर्मा की टीम खिताब की प्रबल दावेदार होगी. भारत की टीम का कॉम्बिनेशन कैरेबियाई देशों की पिचों के मुताबिक है. टीम इस मैच में पिछले साल 19 नवंबर को अहमदाबाद में एक लाख दर्शकों के सामने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की निराशा को पीछे छोड़ने के लिए बेकरार है.

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भारत की खिताबी जीत कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी एक आदर्श विदाई होगी, जिन्होंने 2007 के कैरेबियाई देशों में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी की थी. इस वर्ल्ड कप में भारत शुरुआती स्टेज से बाहर हो गया था. एक कोच के रूप में टीम उन्हें यादगार विदाई देने की कोशिश करेगी. भारत 10 साल में पहली बार आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा है और इसका श्रेय वेस्टइंडीज की परिस्थितियों में टीम के शानदार तालमेल बिठाने के साथ टीम मैनेजमेंट की सोच को भी जाता है.

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टीम मैनेजमेंट ने कैरेबियन में स्पिन के अनुकूल पिचों पर अपने तुरुप के इक्के कुलदीप यादव को टीम में लाने से पहले न्यूयॉर्क में तेज गेंदबाजों की मददगार पिचों पर तीन विशेषज्ञ पेसरों का उपयोग किया. भारत निश्चित रूप से पिछले मैच के प्लेइंग इलेवन पर कायम रहेगा, लेकिन टीम को कम से कम दो खिलाड़ियों से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी.

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दिग्गज विराट कोहली अब तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं. आईपीएल के शानदार सत्र के बाद टीम को उनसे काफी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन वे अब तक इस पर खरे नहीं उतरे. असमान उछाल वाली पिचों बड़ा शॉट लगाना चुनौतीपूर्ण रहा है.  भारत के इस पूर्व कप्तान ने आक्रामक रवैया अपनाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह गेंदबाजों पर हावी नहीं हो पाए हैं. उनके सलामी जोड़ीदार और कप्तान रोहित शर्मा ने हालांकि उनका पुरजोर समर्थन किया है.

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टी20 इंटरनेशनल में हो सकता है कि यह कोहली और रोहित का आखिरी मैच हो. कोहली के उलट रोहित ने टूर्नामेंट में बेखौफ बल्लेबाजी की है. टीम को उनसे फाइनल में एक और आतिशी शुरुआत की उम्मीद होगी. रोहित को दबाव वाले मैच में शिवम दुबे से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद होगी. टूर्नामेंट में अब तक लचर प्रदर्शन के बाद भी वह केशव महाराज और तबरेज शम्सी जैसे स्पिनरों के खिलाफ बड़े शॉट खेलकर हीरो बन सकते हैं. ऋषभ पंत और सूर्यकुमार यादव मिडिल ऑर्डर में आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे हैं तो हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल और रवींद्र जड़ेजा ने छोटी लेकिन प्रभावी पारियां खेली हैं.

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गेंदबाजी विभाग में भारत को चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल के तुरंत बाद यहां पहुंचने से उन्हें आराम और उबरने के लिए केवल एक दिन का समय मिला है. यह सिलसिला हालांकि इस मैदान पर भारतीय टीम के सुपर-8 में अपना अभियान शुरू करने के बाद से जारी है.

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भारत के विपरीत, साउथ अफ्रीका के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, क्योंकि वे पहले कभी वर्ल्ड कप फाइनल का हिस्सा नहीं रहे हैं. त्रिनिदाद में अफगानिस्तान पर शानदार जीत के बाद, प्रोटियाज की टीम खिताबी जीत के स्वाद को चखने के लिए आतुर होगी. उन्हें क्विंटन डि कॉक और रीजा हेंड्रिक्स की सलामी जोड़ी से रनों की उम्मीद होगी, खासकर दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज से जो लय में होने पर विपक्षी टीम पर दबाव बना सकते हैं. कप्तान एडेन मार्कराम सुपर-8 में बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन फाइनल में टीम के लिए सब कुछ झोंकने को तैयार होंगे.

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इस फॉर्मेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में शामिल हेनरिक क्लासेन को भी रनों की जरूरत है और इसके लिए उन्हें बीच के ओवरों में स्पिन के खतरे से निपटना होगा. दक्षिण अफ्रीका का तेज गेंदबाजी विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन यह देखना बाकी है कि यहां दिन के मैच में वे कितने प्रभावी होते है. शम्सी और महाराज स्पिन विभाग में प्रभावी रहे हैं, लेकिन भारतीय बल्लेबाज उनसे निपटने का तरीका जानते हैं. शनिवार को बारिश की अधिक संभावना है, लेकिन आईसीसी ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए एक रिजर्व दिन रखा है.

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