NPS New Rule: अगर आप भी अपने और परिवार के भविष्य को ध्यान में रखकर एनपीएस में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. पेंशन फंड रेग्युलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की तरफ से इससे जुड़े नियमों में बदलाव किया जाता है. पीएफआरडीए ने पिछले साल भी इससे जुड़ा नियम बदला था. अब फिर 1 अप्रैल से लॉगइन से जुड़ा नियम बदलने वाला है. आइए जानते हैं नए नियम और रेग्युलेटर की तरफ से बदले गए पहले नियमों के बारे में-
एनपीएस (NPS) में 1 अप्रैल से टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two Factor Authentication) लागू होने जा रहा है. इसमें एनपीएस सब्सक्राइबर्स को आधार सत्यापन और मोबाइल पर आए ओटीपी के जरिये लॉगइन करना होगा. इससे एनपीएस अकाउंट को पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रखा जा सकेगा. अभी अकाउंट को लॉगइन करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है. इनके जरिये लॉगइन करने के बाद ही किसी तरह का बदलाव संभव हो पाता है.
पीएफआरडीए ने 1 फरवरी से निकासी के नियमों में बदलाव किया है. नए नियमों के तहत एनपीएस खाताधारक को कुल जमा राशि के 25 प्रतिशत से ज्यादा राशि निकालने की अनुमति नहीं है. इसमें खाताधारक और नियोक्ता दोनों का ही योगदान राशि शामिल होगा. इसके अनुसार अगर आपके नाम पर पहले से एक घर है तो उसके लिए एनपीएस अकाउंट से आंशिक विड्रॉल की अनुमति नहीं होगी.
पीएफआरडीए ने पैसा निकालने के नियमों में भी बदलाव किया है. नए नियम के तहत एनपीएस सब्सक्राइबर अपने निवेश से एकमुश्त राशि की बजाय अपनी जरूरत के हिसाब से भी पैसा निकाल सकते हैं. इस नियम के तहत आप मैच्योरिटी अमाउंट को अपनी जरूरत के अनुसार मासिक / तिमाही / छमाही या सालाना आधार पर निकाल सकेंगे. पहले नियम था कि एनपीएस में जमा राशि में से आप 60 परसेंट को एक बार में निकाल सकते हैं. लेकिन बाकी 40 परसेंट राशि से पेंशन के लिए एन्यूटी प्लान खरीदना जरूरी होता था.
इससे पहले पीएफआरडीए ने पैसा निकालने के नियमों में बदलाव किया था. नए नियम के अनुसार आपको पैसा निकालने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी. अगर लाभ लेने वाला शख्स तय दस्तावेजों को अपलोड नहीं करता या इसमें गड़बड़ी पाई जाती है तो उनकी पेंशन रूक सकती है. सबसे पहले आपको चेक करना होगा कि आपने एनपीएस विड्रॉल फार्म अपलोड किया है या नहीं. इसके अलावा आपके पास बैंक अकाउंट प्रूफ, प्रैन या पर्मानेंट रिटायमेंट अकाउंट नंबर कार्ड की भी कॉपी होनी चाहिए.
इससे पहले पीएफआरडीए ने एनपीएस सब्सक्राइबर्स के लिए निकासी प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश के तहत पिछले साल पेंशन फंड छोड़ने के बाद एन्युइटी का चयन करने के लिए एक अलग प्रस्ताव फॉर्म पूरा करने की जरूरत हो खत्म कर दिया था. पेंशन बोर्ड की तरफ से इशारा किया गया था कि एनपीएस सब्सक्राइबर्स की तरफ से फाइल किये गए निकासी फॉर्म को एन्युटी का प्रस्ताव माना जाएगा.
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