Dilip Kumar Saira Banu Love Story: दशकों तक हिंदी सिनेमा से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाले ‘ट्रेजेडी किंग’ दिलीप कुमार और सायरा बानो की लव स्टोरी के बारे में हर कोई जानता है. दिलीप कुमार 44 साल की उम्र तक कुंवारे रहे और उन्होंने 1966 में 22 साल की सायरा बानो से शादी की थी. दोनों के बीच 22 साल का अंतर था. लेकिन सायरा 12 साल की उम्र से ही दिलीप कुमार को पसंद करती थीं और उनसे ही शादी करना चाहती थी. हालांकि, उनका ये सपना पूरा हुआ लेकिन उनकी खुशहाल शादीशुदा जिंदगी में वो पल भी आया जब साहेब ने उनको बेइंतहा मोहब्बत करने वाली सायरा का भरोसा तोड़ दिया था और फिर...
दिलीप कुमार आज भले ही हमारे बीच मौजूद नहीं है, लेकिन उनकी दर्जनों शानदार फिल्में और कई अनसुने किस्से आज भी फैंस के बीच उनकी यादों को कायम रखे हैं. दिलीप कुमार का नाम आज भी हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में गिना जाता है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को कई हिट फिल्में दी हैं. 1944 में अपने करियर की शुरुआत करते वाले दिलीप कुमार की फैन फॉलोइंग में कोई कमी नहीं थी. हालांकि, उनकी सबसे ज्यादा फैन फॉलोइंग महिलाओं में थी, जो उनकी दीवानी थीं और एक झलक पाने के लिए पागल हो जाती थीं.
1922 में ब्रिटिश भारत के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में जन्म दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1944 में आई फिल्म 'ज्वार भाटा' से की थी. ये फिल्म बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले बनी थी, जिसमें उन्होंने मुख्य किरदार निभाया. इस फिल्म के बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया और हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े और सम्मानित अभिनेताओं में से एक बन गए. उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर में 65 फिल्मों में ही काम किया और उनकी आखिरी फिल्म 1998 में 'किला' थी.
दिलीप कुमार ने 22 साल की उम्र में हिंदी सिनेमा में अपने कदम रखा था और लगभग 44 साल तक वो कुंवारे रहे, लेकिन फिर उनकी जिंदगी में 22 साल की खूबसूरत और चुलबुली सायरा बानो आईं. सायरा उनको 12 साल की उम्र से पसंद किया करती थी और उन्हीं से शादी करने के सपने देखा करती थीं. दोनों ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया. उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था. एक दूसरे के प्यार में पागल सायरा और दिलीप ने 1966 में हमेशा के लिए एक दूसरे का हाथ थाम लिया. सायरा दिलीप को प्यार से साहेब कह कर बुलाती थीं.
लेकिन उनकी खुशहाल शादीशुदा जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब साहेब ने सायरा का भरोसा तोड़ दिया था और गुपचुप दूसरी शादी कर ली थी. दिलीप कुमार ने अपनी किताब ‘द सबस्टेंस एंड द शैडो: एन ऑटोबायोग्राफी’ में इस किस्से का जिक्र करते हुए बताया था कि उनकी अस्मा रहमान से पहली मुलाकात हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी. अस्मा शुरुआत में दिलीप की फैन बनकर मिली थीं, लेकिन बाद में पता चला कि उनकी मुलाकात का एक और मकसद था. दिलीप का परिचय अस्मा से उनकी बहनों के जरिए हुआ था. अस्मा के तीन बच्चे थे.
दिलीप कुमार ने जल्दी ही ये नोटिस कर लिया था कि अस्मा और उनके पति उनके साथ कुछ साजिश रच रहे हैं. दोनों हर जगह साथ में मौजूद रहते थे. एक्टर ने बताया, 'मैं उनकी साजिश से अनजान था, जो बड़ी चालाकी से की गई थी. मेरे से वादा करवाने के लिए ऐसे हालात बनाए जा रहे थे'. दिलीप ने 1982 में अस्मा रहमान से शादी की, जिससे सायरा बानो का दिल टूट गया था. दिलीप कुमार ने लिखा, 'मैंने सायरा को जो दुख दिया और उसका मुझ पर जो विश्वास था, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता या माफ नहीं कर सकता'.
दिलीप कुमार को हमेशा अपने इस फैसले पर पछतावा रहा. उन्होंने सायरा बानो को जो दर्द दिया उसके लिए वो खुद को कभी माफ नहीं कर पाए. आखिर में दिलीप ने सायरा के सामने अपनी गलती स्वीकार की और अस्मा रहमान को तलाक देने के लिए सायरा से कुछ समय मांगा. उन्होंने किताब में लिखा, 'जब मैंने अपनी गलती मानी, तब सायरा मेरे साथ खड़ी रहीं. मैंने सायरा से कहा कि मुझे ये सब ठीक करने के लिए थोड़ा समय चाहिए. मैंने एक ‘कमिटमेंट लेटर’ पर साइन किया और कहा कि मैं दूसरी शादी के बारे में कभी नहीं सोचूंगा'.
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