Ratan Tata property: दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठने लगा कि उनकी संपत्ति का वारिस कौन होगा ? उनका उत्तराधिकारी कौन होगा ?
Ratan Tata property: दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठने लगा कि उनकी संपत्ति का वारिस कौन होगा ? उनका उत्तराधिकारी कौन होगा ? चूंकि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की, उनकी कोई संता नहीं है ऐसे में इस सवाल को लेकर लोग कयास लगाने लगे कि उनके जाने के बाद अब उनकी संपत्ति किसे मिलेगी. सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट की कमान सौंप दी गई, लेकिन रतन टाटा की 7900 करोड़ की संपत्ति किसकी होगी, इसे लेकर पर्दा जल्द उठ जाएगा.
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने वसीयत बना रखी है. अपने पीछे वो 7,900 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गए हैं. उनकी संपत्ति को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी होगी ये भी तय कर दिया गया है. रतन टाटा ने निधन से पहले सबकुछ तय कर रखा था. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा ने अपनी वसीयत को एग्जीक्यूट करने की जिम्मेदारी 4 लोगों को सौंपी है.
रतन टाटा ने अपनी वसीयत बना रखी है. उन्होंने इस वसीयत को लागू करने की जिम्मेदारी अपने करीबी दोस्त और पेशे से वकील डेरियस खंबाटा और सहयोगी मेहली मिस्त्री को सौंपी है. इसके अलावा उन्होंने इस काम के लिए अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डियना जीजीभॉय को भी चुना है. इन चार लोगों पर रतन टाटा के वसीयत को सही तरीके से लागू करवाने की जिम्मेदारी है. देश के सबसे बड़े कारोबारी घराने टाटा ग्रुप की 66 फीसदी होल्डिंग टाटा ट्रस्ट्स के हाथों में है.
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के मुताबिक रतन टाटा के पास 7900 करोड़ रुपये की संपत्ति है. टाटा संस में उनकी 0.83% हिस्सेदारी थी. दान और परोपकार में हमेशा आगे रहने वाले रतन टाटा चाहते थे कि उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान और समाज के कल्याण में दिया जाए. उनकी कमाई या संपत्ति का तीन-चौथाई टाटा संस से जुड़ा है. उन्होंने दो दर्जन से अधिक कंपनियों में निवेश किया है. ओला, पेटीएम, ट्रैक्सन, फर्स्टक्राई, ब्लूस्टोन, कारदेखो, कैशकरो, अर्बन कंपनी और अपस्टॉक्स जैसे दर्जनों कंपनियों में उनका निवेश है. इसके अलावा रतन टाटा ने अपने पर्सनल इनवेस्टमेंट वीकल आरएनटी एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए साल 2023 तक 186 करोड़ रुपये के निवेश किए. इन निवेशों के अलावा मुंबई के कोलाबा में उनका घर है. इसके साथ ही अलीबाग में अरब सागर के तट पर एक हॉलिडे होम है.
रतन टाटा की वसीयत की डिटेल पूरी तरह प्राइवेट है. उन्होंने मेहली मिस्त्री पर भरोसा जताया. मेहली सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में ट्रस्टी रहे. बता दें कि मेहिल मिस्त्री टाटा संस के पूर्व चेयरमैन दिवंगत साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई है. बीते कई सालों से वो रतन टाटा की देखभाल कर रहे थे. उनके स्वास्थ्य की देखरेख कर रहे थे. साल 2022 में उन्हें टाटा के दो सबसे बड़े ट्रस्टों के बोर्ड में शामिल किया गया था.
रतन टाटा की वसीयत बनाने में उनके दोस्त और वकील खंबाटा ने मदद की. अब उनकी वसीयत को लागू करने के लिए एक्जीक्यूटर नियुक्ति किए गए हैं. इसके लिए चार लोगों को चुना गया है. जीजीभॉय बहनें रतन टाटा की मां सूनू की बेटियां हैं. बता दें कि रतन टाटा की मां ने दूसरी शादी सर जमशेदजी जीजीभॉय से की थी. रतन टाटा अपनी छोटी बहनों से बेहद करीब थी. रतन टाटा की तरह की उनकी बहनें परोपकार के कामों में शामिल रहती हैं.
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