यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, भारत की सबसे मुश्किल परीक्षा है, लेकिन फिर भी हर साल देश के लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं. इनमें से कुछ ही कामयाब होते हैं. 20 सितंबर को यूपीएससी मेन्स एग्जाम (UPSC mains exam) होने वाली है और इसमें पास होने वाले उम्मीदवार इंटरव्यू राउंड में जाएंगे. हालांकि मेन्स परीक्षा में सफलता पाना, सिविल सेवा की परीक्षा में पास होने की गारंटी नहीं है. यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा क्यों कहा जाता है, इसकी 7 वजहें हैं.
यूपीएससी परीक्षा का सिलेबस बहुत विस्तृत है, जिसमें इतिहास, अर्थशास्त्र, विज्ञान, भूगोल और शासन सहित कई विषय शामिल हैं और इनमें से हर एक की गहरी समझ होनी भी जरूरी है. इसके साथ ही उम्मीदवारों को वर्तमान की घटनाओं से भी अपडेट रहना पड़ता है. इसके लिए कुछ महीने काफी नहीं हैं, बल्कि इसमें कई साल लग जाते हैं.
UPSC परीक्षा तीन स्टेज में होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू. हर स्टेज में अनूठी चुनौतियां होती हैं और जैसे-जैसे आप स्टेज में आगे बढ़ते हैं, परीक्षा की कठिनाई का स्तर बढ़ता जाता है. यह प्रक्रिया एक साल से अधिक समय तक चलती है, जिसमें उम्मीदवारों को हर चरण को अलग-अलग पास करना होता है. यह लंबी समयसीमा परीक्षा की कठिनाई को बढ़ाती है, क्योंकि उम्मीदवारों को पूरे समय अपनी तैयारी के स्तर और प्रेरणा को बनाए रखना होता है.
यूपीएससी हर साल वैकेंसी जारी करता है, लेकिन जिस अनुपात में इन पदों के लिए उम्मीदवार आवेदन करते हैं, उस लिहाज से ये बहुत कम होते हैं. इसलिए यूपीएससी परीक्षा अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है. सभी चरणों में उम्मीदवारों को असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करना होता है.
इस परीक्षा के लिए उम्मीदवार एक सीमित संख्या तक ही आवेदन कर सकते हैं. जनरल श्रेणी के उम्मीदवारों को 6 बार परीक्षा देने का मौका मिलता है. इन 6 मौकों में अगर कोई उम्मीदवार सफल नहीं हो सका तो उसे आगे मौका नहीं मिलेगा.
UPSC को अनप्रिडिक्टेबल एग्जाम कहा जाता है. क्योंकि दूसरी परीक्षाओं की तरह ये कोई पैटर्न फॉलो नहीं करता. UPSC प्रश्न पत्रों को ऐसे डिजाइन किया जाता है कि उससे उम्मीदवार को उनकी जानकारी को अप्लाई करने की क्षमता दिखानी पड़े और इससे उनकी क्रिटिकल थिंकिंग का भी अंदाजा लगाया जा सके. यूपीएससी के सवालों का जवाब देने के लिए उम्मीदवार में हर विषय की गहन समझ जरूरी है. उसमें प्रॉबलम सॉल्विंग स्किल होनी चाहिए.
इस परीक्षा की कठिनाई को बढाने के लिए इसमें नेगेटिव मार्किंग रखी गई है. हर गलत आंसर पर अंक कटते हैं, जिसकी वजह से उम्मीदवार को हर आंसर देने से पहले सोचना समझना पडता है. ये सिस्टम सिर्फ ज्ञान नहीं मांगता, बल्कि आपसे एक्यूरेसी और स्ट्रैटजिक डिसिजन मेकिंग क्षमता की डिमांड भी करता है.
मेन एग्जाम, सब्जेक्टिव नेचर का होता है, जिसमें उम्मीदवार को हर आंसर बिल्कुल सटीक और सही स्ट्रक्चर फॉर्म में लिखना होता है. इस स्टेज पर यूपीएससी, विभिन्न विषयों में आपकी गहरी समझ को टेस्ट करता है. इस स्टेज को पास करने के लिए आपके पास जबरदस्त राइटिंग स्किल होनी चाहिए.
ट्रेन्डिंग फोटोज़