झारखंड विधानसभा के 'नमाज कक्ष' पर सियासी कोहराम, BJP का सदन से सड़क तक विरोध
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झारखंड विधानसभा के 'नमाज कक्ष' पर सियासी कोहराम, BJP का सदन से सड़क तक विरोध

झारखंड विधानसभा परिसर में नमाज पढ़ने के लिए अलग कक्ष के अलॉटमेंट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है. 

झारखंड विधानसभा के 'नमाज कक्ष' पर सियासी कोहराम. (प्रतिकात्मक तस्वीर)

Ranchi: झारखंड विधानसभा परिसर में नमाज पढ़ने के लिए अलग कक्ष के अलॉटमेंट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है. पार्टी अगले पांच दिनों तक अलग-अलग तरीके से विरोध जताएगी. वहीं सत्ता पक्ष ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है.

झारखंड विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए स्पीकर के आदेश से कमरा नंबर TW-348 आवंटित किया गया है,सारा विवाद इसी को लेकर है. विधानसभा भवन में नमाज के लिए कमरा अलॉट करने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है, और इसे लेकर सदन से सड़क तक विरोध का फैसला किया है. 

5 सितंबर को जहां जिला केंद्रों पर पुतला दहन का कार्यक्रम रखा गया. वहीं 6 सितंबर को सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम है. जबकि 7 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और राज्यपाल के नाम पर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा. 8 सितंबर को रांची में झारखंड विधानसभा के सामने बीजेपी धरना देगी. इसके अलावा 9 सितंबर को पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा और उन्हें सारे हालत की जानकारी दी जाएगी.

बीजेपी ने बिना देर किए सरकार से इस बारे में फैसला वापस लेने की मांग की है. झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के मुताबिक राज्य में तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति कर धार्मिक उन्माद पैदा करने और हिंदू समाज के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है. दीपक प्रकाश के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले ने सरना समाज के साथ अन्य धर्मों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है.

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के मुताबिक जिस तरह कांग्रेस पूरे देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहती है, उसी तरह झारखंड सरकार भी ऐसे फैसले लेकर राज्य को बांटना चाहती है, जिसका बीजेपी पुरजोर विरोध करती है. रघुवर दास ने विधानसभा अध्यक्ष से जल्द फैसले को वापस लेने की मांग की. रघुवर दास के मुताबिक यह फैसला झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता को बांटने और शर्मिंदा करने वाला है.

वहीं बीजेपी विधायक नीरा यादव के मुताबिक खास समुदाय के प्रति अपना झुकाव प्रदर्शित कर झारखंड सरकार ने लोकतंत्र पर हमला किया है. 

इधर, बीजेपी विधायक राज सिन्हा ने कहा की विधानसभा में मात्र चार मुस्लिम विधायक हैं, वह भी जुम्मे के दिन कम ही शामिल होते हैं, उनके लिए विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटित करना कहीं से जायज नहीं है.

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वहीं बीजेपी के विरोध को सत्ता पक्ष ने ओछी राजनीति बताया है. सत्ता पक्ष से जुड़े दलों के मुताबिक बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. लिहाजा वो जाति और धर्म के नाम पर उन्माद फैला रही है. झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के मुताबिक  
राज्य में जिस तरह से जनता से युवा मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं, वह विपक्ष को बर्दास्थ नहीं हो रहा है, जबकि विपक्ष को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए.

वहीं झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा की बीजेपी को सिर्फ विरोध करने की आदत है, और वह हर बात को धर्म के तराजू में तौलती है.

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