Advertisement
trendingPhotos1560692
photoDetails1hindi

Dog Temple Photos: दो गांव के बॉर्डर पर बना है यूपी का अनोखा मंदिर 'जय कुतिया महारानी मां', देखिए तस्वीरें

Dog Temple In UP: उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी में अनोखा छोटा-सा मंदिर स्थितहैं, जहां 'जय कुतिया महारानी मां' लिखा हुआ है. जिसके पीछे एक अनोखी कहानी है. बताया जाता है कि झांसी के मऊरानीपुर के गांव रेवन और ककवारा की सीमा पर कुतिया का मंदिर बना हुआ है और परंपरा है कि इन दोनों गांव या आस-पास के किसी गांव में कोई भी कार्यक्रम होता है तो सबसे पहले इस मंदिर में भोजन अर्पित किया जाता है. इस परंपरा और इस मंदिर के पीछे क्या कहानी है आइए जानते है. 

 

'जय कुतिया महारानी मां'

1/5
 'जय कुतिया महारानी मां'

भारत देश अपनी अनोखी और विभिन्न सांस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. भारत एक आस्था का देश है. यहां पेड़-पौधों, गाय- कुत्तों की पूजा- पाठ करने की विशेष परंपरा है.  ऐसी ही परंपरा है जहां यूपी के झांसी में कुतिया का प्रसिद्ध मंदिर है. जिसमें कुतिया की मूर्ति स्थापित की गई है. 

जय कुतिया महारानी मां

2/5
जय कुतिया महारानी मां

जय कुतिया महारानी का यह मंदिर झांसी जिले के मऊरानीपुर तहसील में है. मऊरानीपुर के गांव रेवन और ककवारा की सीमा पर स्थित है. बता दें यह छोटा-सा मंदिर सड़क किनारे बना हुआ है. 

'जय कुतिया महारानी मां'

3/5
'जय कुतिया महारानी मां'

सड़क किनारे बना यह मंदिर एक सफेद चबूतरे पर बना हुआ है. जिसमें काले रंग की कुतिया की मूर्ति स्थापित की गई है, आपको बता दें कि यहां लोग आते है और माथा टेकते हैं. 

 

जय कुतिया महारानी मां

4/5
जय कुतिया महारानी मां

बताया जाता है कि एक कुतिया थी जो रेवन और ककवारा दोनों गांवों में रहती थी और गांव में खाना खाती थी. और किसी भी आयोजन में खाने के लिए दोनों गांव पहुंच जाती थी. एक बार गांव में भोजन का आयोजन कराया गया और वहां वह कुतिया पहुंच गई, लेकिन वहां खाना खत्म हो चुका था. इसके बाद वह ककवारा गांव पहुंची. वहां भी उस कुतिया को खाना नसीब नहीं हुआ और वह भूख से मर गई. 

जय कुतिया महारानी मां

5/5
जय कुतिया महारानी मां

वहां के रहने वालों का कहना है कि कुतिया की मौत से दोनों गांव को बहुत दुख हुआ, जिसके बाद कुतिया को दोनों गांव की सीमा में गाड़ दिया और कुछ दिन बाद वहां एक मंदिर का निर्माण किया गया. तब से आसपास के किसी भी गांव में कोई भी आयोजन होता है तो इस मंदिर पर भोजन अर्पित करते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेन्डिंग फोटोज़