2024 में रियल एस्टेट सेक्टर ने बनाया रिकॉर्ड, 8.87 अरब डॉलर पर पहुंचा इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टमेंट
FII Investment in Realestate: भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में कुल संस्थागत निवेश में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का योगदान 63 प्रतिशत रहा है. अलग-अलग प्रॉपर्टी कैटेगरी की बात करें तो हाउसिंग सेक्टर को 45 प्रतिशत निवेश मिला है.
Realestate Industry Update: भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश (institutional investment) इस साल 51 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 8.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. रियल एस्टेट एडवाइजर कंपनी जेएलएल इंडिया ने एक रिपोर्ट में इससे जुड़ी जानकारी देते हुए कहा कि निवेशक हाउसिंग, ऑफिस और वेयरहाउसिंग प्रॉपर्टी की मजबूत मांग को भुनाना चाहते हैं, जिस कारण यह इजाफा देखा गया. जेएलएल इंडिया की तरफ से जारी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि साल 2024 में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश (institutional investment) का कुल आंकड़ा 8.87 अरब डॉलर रहेगा, जबकि 2023 के कैलेंडर साल में यह 5.87 अरब डॉलर था.
विदेशी संस्थागत निवेशकों का योगदान 63 प्रतिशत रहा
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में कुल संस्थागत निवेश में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का योगदान 63 प्रतिशत रहा है. अलग-अलग प्रॉपर्टी कैटेगरी की बात करें तो हाउसिंग सेक्टर को 45 प्रतिशत निवेश मिला है. इसके बाद ऑफिस बिल्डिंग में 28 प्रतिशत और वेयरहाउसिंग (भंडारण) संपत्तियों में 23 प्रतिशत निवेश हुआ. रिपोर्ट के अनुसार, 'साल 2024 में 78 डील के जरिये संस्थागत निवेश 8.9 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. यह आंकड़ा अबतक का सबसे ज्यादा है. इससे पहले का सबसे ऊंचा आंकड़ा 2007 में हासिल किया गया था. उस समय यह 8.4 अरब डॉलर रहा था.
2024 में डील की संख्या में 47 प्रतिशत का इजाफा देखा गया
सौदा गतिविधियां तेज होने से साल 2024 में डील की संख्या में 47 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. जेएलएल की सीनियर एमडी और भारत में कैपिटल मार्केट हेड लता पिल्लई ने कहा, 'मजबूत वृद्धि, राजनीतिक स्थिरता और विविध निवेश अवसरों ने भारत को वैश्विक आर्थिक संदर्भ में अनुकूल स्थिति में ला खड़ा किया है. रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश में उछाल देखा गया है.' उन्होंने कहा एक बदलाव यह है कि साल 2023 से घरेलू निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है और यह प्रवृत्ति 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है, जिसमें उनका योगदान 37 प्रतिशत होगा. वहीं 2019-2022 के बीच उनका योगदान औसतन 19 प्रतिशत रहा है.
पिछले दिनों जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि देश के सात प्रमुख शहरों में मौजूदा साल के पहले छह महीने (जनवरी-जून) में बढ़ती मांग के कारण चार करोड़ रुपये और उससे ज्यादा की कीमत वाले लग्जरी घरों की बिक्री 27 प्रतिशत बढ़कर 8,500 यूनिट पर पहुंच गई. रियल एस्टेट एडवाइजर कंपनी सीबीआरई की रिपोर्ट ‘इंडिया मार्केट मॉनिटर, 2024 की दूसरी तिमाही’ में कहा कि भारत के लग्जरी आवास (चार करोड़ रुपये और इससे ज्यादा कीमत वाले) सेग्मेंट ने मजबूत बिक्री बनाए रखी है. इस सेग्मेंट में जनवरी-जून, 2024 में 27 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई. (इनपुट भाषा से भी)