How To Make Elders Happy In Home: घर में हमारे दादा-दादी, नाना-नानी को हमारे प्यार और इज्जत की बहुत चाह रहती है. ऐसे में उन्हें अकेला छोड़ देना, या फिर उनके साथ बुरा बर्ताव करना सिर्फ इसलिए कि वो अब हमारे जनरेशन के नहीं हैं, ये बहुत गलत होगा. इसलिए आइय जानें उन्हें खुश रखने के टिप्स...
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Elder Members In Home: व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ ही उसमें शारीरिक और मानसिक कई तरह के बदलाव आने लगते हैं. ऐसे में जब इंसान बूढ़ा होने लगता है, तो स्वाभाव में थोड़ा चिड़चिड़ापन आने लगता है. इस वजह से अक्सर उनका घरों में रहना और सभी फैमिली मेंबर्स के साथ बनना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. दूसरा कारण ये भी होता है, कि घर के बुजुर्गों में और आजकल में काफी जनरेशन गैप है. जिस वजह से घर में बच्चे, बड़े उनकी रिस्पेक्ट नहीं करते, उनकी बातों को उतनी एहमियत नहीं देते हैं. जिस वजह से हमारे दादा-दादी हमारी कंपनी के मोहताज हो जाते हैं. आज हम आपको यहां बताएंगे कुछ ऐसे टिप्स, जिसे अपनाकर आप घर में रह रहे बूढ़े-बुजुर्गों के साथ एक अच्छा टाइम स्पेंड कर सकते हैं, साथ ही उन्हें खुश भी रख सकते हैं....
1. 60 साल की उम्र के बाद व्यक्ति के स्वाभव में काफी चिड़चिड़ापन आ जाता है. ऐसे में हमारे घरों के बुजुर्ग लोग कई बातों पर गुस्सा, जिद करने लगते हैं. जब घर में उनकी बात कोई नहीं सुनता तो वह उदास होकर बैठे रहते हैं. ऐसे में उन्हें समझाना या मनाना काफी मुश्किल होता है. तो सबसे पहले आप उनकी नाराजगी का कारण पता करें. उनके चिल्लाने की वजह पूछें, न कि उनसे लड़ाई करें. फिर उन्हें प्यार से समझाएं और खुश रखने का प्रयास करें.
2. घर में रह रहे बुजुर्गों को उनकी एहमियत बताना बहुत जरूरी होता है. घर के हर फैमिली मेंमर्स को उनकी केयर और रिस्पेक्ट करनी चाहिए. इसके लिए आप उनकी छोटे-छोटे कामों में मदद कर सकते हैं. इससे उन्हें आपसे प्यार का एहसास होगा. जैसे सुबह शाम उनका हाल पूछना, सीढ़ी चढ़ते टाइम उनका हाथ थामना, कहीं बाहर घूमाने ले जाना, इन सबसे उन्हें बहुत खुशी मिलेगी.
3. अपने घर के बुजुर्गों को टाइम जरूरी दें. माना कि आजकल के बिजी श्यड्यूल के चलते लोग अपने लिए ही वक्त नहीं निकाल पाते हैं. लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा, कि घर में आपके बूढ़े माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी आपके साथ समय बिताने को आतुर रहते हैं. जब आप उनके साथ समय नहीं बिताते तो वह खुद को अकेला समझने लगते हैं जिससे उन्हें चिड़चिड़ाहट बी होती है. इसलिए बुजुर्गों के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें और उनके साथ बैठकर बातचीत करें.