How Marriage Works: जो इंसान शादी कर रहा है उसका मकसद आमतौर पर लाइफ लॉन्ग कमिटमेंट होता है, लेकिन एक वक्त के बाद रिश्तों में दरार आने लगती है, जिससे पति और पत्नी का एक साथ रहना मुश्किल हो जाता है.
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Jaya Kishori Marriage Tips: जब आप किसी इंसान से शादी करते हैं तो कमिटमेंट भी 100 फीसदी होना चाहिए, लेकिन कई बार एक दूसरे के साथ रहना मुमकिन नहीं हो पाता, और बात तलाक तक पहुंच जाती है. भारत में विवाह को जन्म जन्मांतर का साथ माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में पति और पत्नी के अलग होने के मामलों में जबरदस्त इजाफा देखा गया है. आइए जानते हैं कि शादी आखिर टूटती क्यों है.
रिश्ता कैसे बचाया जाता है?
मोटिवेशनल स्पीकर और कथा वाचक जया किशोरी (Jaya Kishori) ने अपने एक वीडियो के जरिए बताया कि हस्बैंड और वाइफ का रिश्ता बरकरार रहे, इसके लिए एडजस्टमेंट की जरूरत पड़ती है, हालांकि कॉम्प्रोमाइज करने पर रिश्ता आगे चलकर टूट सकता है. दोनों मामलों में जो फर्क है उसे अक्सर लोग समझ नहीं पाते. एडजस्टमेंट और कॉम्प्रोमाइज में बारिक सा फर्क है.
क्यों टूटती हैं शादियां?
जया किशोरी ने बताया कि मैरिड लाइफ में अलगाव तब हो जाता है जब ये रिश्ता एडजस्टमेंट के बजाए कॉम्प्रोमाइज के बल पर चलने लगाता है. ऐसे में लोग इस जिंदगी से खुश नहीं रहते. जब आपकी कद्र न हो तो निराश होना लाजमी है. ये पार्टनर के दिल से प्यार को खत्म कर देता है.
एडजस्टमेंट किसे कहते हैं?
एडजस्टमेंट का मतलब होता है कि आप एक दूसरे की खुशियों का ख्याल रखते हैं, इसे आपको परेशानी कम खुशी ज्यादा होती है और फिर अनकंफर्टेबल भी फील नहीं करते. अगर आपको कोई रेसेपी खाना पसंद नहीं भी है तो पार्टनर की खुशी के लिए साथ खाते हैं. आप इसमें अपनी खुशी का गला नहीं घोटते, बल्कि पार्टनर की खुशी को तरजीह देते हैं.
कॉम्प्रोमाइज किसे कहते हैं?
कॉम्प्रोमाइज का मतलब है आप मजबूरी में ऐसी चीजें कर रहे हैं जिसको लेकर आप जरा सा भी सहज नहीं हैं. अगर आप कोई काम दुखी होकर या आधे मन से कर रहे हैं तो आप ज्यादा दिन तक खुश नहीं रह पाएंगे. इससे झगड़ों का सिलसिला बढ़ेगा और एक साथ रहना मुश्किल हो जाएगा.