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नई दिल्ली: सनातन धर्म में भगवान के साथ-साथ प्रकृति को भी बहुत महत्व दिया गया है इसीलिए सूर्य, चंद्रमा, गाय और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है. बल्कि इन से जुड़े पर्व भी मनाए जाते हैं, जैसे- सूर्य भगवान के लिए की जाने वाली छठ पूजा, मकर संक्रांति आदि. वहीं तुलसी के पौधे की तो हर रोज पूजा की जाती है. इसी तरह पीपल के पेड़ (Peepal Tree) का भी पूजन-पाठ में बहुत महत्व है. इसके अलावा कुंडली के ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए ज्योतिष में पीपल के पेड़ की पूजा (Peepal Tree Puja) करने और उसके नीचे दीपक जलाने के लिए कहा जाता है.
कहते हैं कि दिव्य पेड़ों पर हमेशा देवी-देवताओं का वास रहता है इसलिए खास मौकों पर इनकी पूजा जरूर करनी चाहिए. पीपल के पेड़ की बात करें तो मान्यता है कि पीपल की जड़ में ब्रह्मा जी, तने में भगवान विष्णु और सबसे ऊपरी भाग में शिव का वास होता है. ऐसे में इस पेड़ की पूजा करने से तीनों भगवानों की पूजा हो जाती है. वहीं शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में देवी लक्ष्मी निवास करती हैं, इसलिए शनिवार (Saturda) के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से जिंदगी में वैभव, धन-संपदा आती है. गुरुवार के दिन भी पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना शुभ होता है.
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जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष (Shani Dosh) हो उनके लिए पीपल के पेड़ की पूजा बहुत लाभकारी साबित होती है. उन्हें शनि देव को प्रसन्न करके शुभ फल पाने के लिए शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए. साथ ही पेड़ की 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए.
रविवार के दिन कभी भी पीपल में जल न चढ़ाएं. यह बड़े नुकसान और खासकरके आर्थिक नुकसान का सबब बनता है. इसके अलावा पीपल का पेड़ काटना भी अशुभ होता है. इससे परिवार की वंश वृद्धि में रुकावट आती है. वहीं पीपल का पेड़ कभी भी अपने घर में न लगाएं. इसे मंदिर में, पार्क में या सड़क किनारे लगाना ही उचित होता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)