Shiv Mysterious Temple: देश में भगवान शिव के कई रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं, लेकिन उनका एक मंदिर ऐसा है जहां, शिवलिंग की पूजा नहीं होती बल्कि शिवजी के अंगूठे की पूजा होती है. कहा जाता है कि इस स्थान पर शिव जी से जुड़े कई रहस्य मौजूद हैं. भगवान शिव का यह मंदिर किस स्थान पर मौजूद है और यहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा क्यों की जाती है, आइए इस बार में विस्तार से जानते हैं. 


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कहां मौजूद है अचलेश्वर महादेव मंदिर?


अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है. यहां पर महर्षि वशिष्ठ की तप स्थली भी मौजूद है. कहा जाता है कि इस मंदिर के इतिहास में कई बड़े रहस्य छिपे हैं. पौराणिक मान्यता है कि कभी इस स्थान पर एक विशाल ब्रह्म खाई हुआ करती थी. जिसमें ऋषियों की गाय गिर जाती थीं. देवताओं के आग्रह पर इस खाई को पाटने के लिए अर्बुज नामक नाग ने पर्वत को अपनी पीठ पर उठा लिया. 


क्यों होती है शिवजी के अंगूठे की पूजा?


हालांकि, अर्बुद को इस बात का घमंड होने लगा कि उसकी पीठ पर ही पूरा पर्वत टिका है और उसे महत्व नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में वह अपनी पीठ को हिलाने लगा, जिससे पूरा पर्वत हिलने लगा. तब अर्बुज नाग का घमंड तोड़ने के लिए काशी विश्वनाथ (भगवान शिव) ने अपने अंगूठे के इस अर्बुदांचल पर्वत को स्थिर किया. कहते हैं कि तभी से यहां पर अचलेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होने लगी. 


कुंड में मौजूद है रहस्यमयी पत्थर


मध्यप्रदेश के अचलेश्वर महादेव मंदिर में महादेव के शिवलिंग की नहीं, बल्कि उनके अंगूठे की पूजा की जाती है. यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां महादेव के अंगूठेनुमा पर्वत की पूजा-अर्चना की जाती है. इस रहस्यमयी पत्थर के बारे में कहा जाता है कि यह गर्भगृह के एक कुंड से निकला हुआ है. इतना ही नहीं, इस पत्थर का कोई अंत नहीं है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)