Astro Tips: कुंडली के ग्रहों से है लड़की के ससुराल का सीधा कनेक्शन, जानें क्या कहते हैं ग्रह?
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Astro Tips: कुंडली के ग्रहों से है लड़की के ससुराल का सीधा कनेक्शन, जानें क्या कहते हैं ग्रह?

Astro Tips for Marriage: बेटी बड़ी होते ही उसके हाथ पीले करने यानी किसी योग्य वर से विवाह कर ससुराल भेजने की चिंता सिर्फ माता पिता ही नहीं बल्कि उसके परिवार के अन्य सदस्यों और शुभचिंतकों को भी रहती है. 

Astro Tips: कुंडली के ग्रहों से है लड़की के ससुराल का सीधा कनेक्शन, जानें क्या कहते हैं ग्रह?

Astro Tips: बेटी बड़ी होते ही उसके हाथ पीले करने यानी किसी योग्य वर से विवाह कर ससुराल भेजने की चिंता सिर्फ माता पिता ही नहीं बल्कि उसके परिवार के अन्य सदस्यों और शुभचिंतकों को भी रहती है. कहते हैं जोड़ियां तो भगवान के घर से ही बन कर आती हैं. इसका अर्थ हुआ कि किस युवती का विवाह किस युवक से होगा.

 

इसका निर्धारण तो कुंडली के विभिन्न भावों में बैठे हुए ग्रह करते हैं जो ब्रह्मांड में विचरण करते हैं. यह ग्रह यानी राशियों के स्वामी क्योंकि राशिचक्र की 12 राशियों ग्रहों पर ही तो आधारित है. यह ग्रह जहां किसी भी युवती या युवक की जोड़ी मिलाने का कार्य करते हैं वहीं यह भी बताते हैं फलां युवती की ससुराल उसके घर यानी जन्म स्थान से किस दिशा में होगी. 

 

ग्रहों के स्थान से हैं संबंध
ससुराल की दिशा और स्थान का निर्धारण कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति पर निर्भर होता है. शुक्र यदि शुभ स्थान और राशि में हो और साथ ही उस पर किसी नकारात्मक ग्रह का असर न पड़े तो कन्या का ससुराल घर के आसपास या एक ही शहर में होता है. यदि कुंडली का चौथा स्थान का स्वामी व शुक्र ग्रह किसी खराब ग्रह से देखे जा रहे हो. या शुक्र कुंडली के 6, 8 और 12 स्थान में हो तो जन्म स्थान से काफी दूर कन्या का ससुराल होता है. कन्या का विवाह जन्म स्थान से किस दिशा में होगा इसका निर्धारण भी शुक्र ग्रह ही करता है. कुंडली में शुक्र जिस स्थान पर स्थित है, उसके ठीक सामने जो राशि स्थित हो उसके राशि के स्वामी की दिशा में ही कन्या का विवाह होता है. 

 

किस राशि से है कौनसी दिशा से संबंधित
मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल होते हैं और उनकी दिशा दक्षिण है. वृष और तुला के स्वामी शुक्र हैं जिनकी दिशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व है. मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध हैं जिनकी दिशा उत्तर है. कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा की दिशा वायव्य कोण अर्थात उत्तर पश्चिम की दिशा होती है. सिंह के स्वामी सूर्यदेव की दिशा पूर्व है. धनु और मीन के स्वामी गुरु की दिशा उत्तर पूर्व अर्थात ईशान होती है. मकर व कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं जिनकी दिशा पश्चिम की ओर है. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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